जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में कल यानि शुक्रवार को 19 नए जिलों की घोषणा की, जिसके बाद बीजेपी पार्टी कांग्रेस पर हमला कर रही है. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कहा कि सीएम ने प्रदेश के आर्थिक स्थिति को दावं पर लगा दिया है.
सीएम गहलोत पर बीजेपी ने किया वार
आपको बता दे कि काफी समय से राजस्थान में नए जिलों को लेकर विधायकों और जनता के द्वारा मांग उठ रही थी जिसके बाद बीते कल यानि शुक्रवार को सीएम ने विधानसभा में 19 जिलों का ऐलान कर दिया। गहलोत के इस ऐलान के बाद बीजेपी में हड़कंप मच गया और बयानबाजी चलने लगी. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि गहलोत सरकार की नई घोषणाओं से उनकी व्यक्तिगत राजनीति की पूर्ति होगी। ऐसा कहते हुए उन्होंने सीएम को स्वार्थी कहा. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि गहलोत सरकार ने नए जिलों की घोषणा कर प्रदेश की आर्थिक स्थिति को दावं पर लगाया है जिसका भुगतान राज्य की जनता को आने वाले सालों में करना पड़ेगा। वहीं अन्य बीजेपी नेताओं ने इसे चुनावी खेल बताया।
जयपुर में चार जिलें बने
आपको बता दे कि बाड़मेर जिलें के अन्तर्गत बालोतरा को भी अब जिलें का दर्जा दिया गया है लेकिन सबसे ज्यादा जिलें राजधानी जयपुर में बने. जयपुर में चार जिलें बने हैं, आज जिलें कुछ इस प्रकार है- उत्तर जयपुर, जयपुर दक्षिण, कोटपुतली-बहरोड़ और दूदू जिला।
जालौर में सांचोर बना नया जिला
आपको बता दें कि नागौर में कुचामन-डीडवाना को नया जिला बनाया गया. महेंद्र चौधरी और चेतन डूडी इन जिलों के विधायक है. दोनों ही सीएम अशोक गहलोत के करीबी माने जाते है. बता दें कि जोधपुर में भी दो जिलें बने हैं. जालोर में नया जिला सांचोर बनाया गया है और यहां से सीएम गहलोत के बेटे वैभव गहलोत चुनाव लड़ सकते हैं.
आदिवासी क्षेत्र में भी जिला घोषित
आपको बता दें कि उदयपुर के आदिवासी इलाके सलूंबर को भी नया जिला बनाया गया है. तो वहीं केकड़ी को भी जिलें का दर्जा मिला है. जबकि मालपूरा को नए जिलों में शामिल करने को लेकर विरोध चल रहा है.
नए जिलों का क्यों किया ऐलान
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि क्षेत्रफल के मामले में राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है. उन्होंने कहा, जिलें बड़े होने से जनता को जरूरत की चीज़े हासिल करने में परेशानी आती है, इसलिए जिलों का छोटा होना आवश्यक है जिससे लोगों को आसानी से सुविधा मिल सकेगी