जयपुर: राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले नेताओं का पाला बदलने का त्योहार शुरू हो गया है। राजस्थान में कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए काफी अरसे के बाद वसुंधरा राजे सरकार गुट के मंत्री रहे देवी सिंह भाटी एक बार फिर बीजेपी में लौट आए हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा की जयपुर में मंथन बैठक के एक दिन बाद गुरुवार को वसुंधरा राजे गुट के नेता देवी सिंह भाटी पार्टी में लौट आएं हैं। भाटी प्रदेश अध्यक्ष सी.पी. जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और प्रभारी अरुण सिंह की मौजूदगी में फिर से बीजेपी में घर वापसी की।
नाराज़गी हुई दूर
घर वापसी के बयान में कहा कि मैं चार साल बाद बीजेपी में लौटा हूं. पार्टी ने मुझे गले लगा लिया है। कुछ परिस्थितियों के कारण मैं किसी समय अलग हो गया था। मेरी वरिष्ठ पदाधिकारियों से चर्चा हुई और एक दूसरे से जो भी नाराजगी थी वो दूर हो गए हैं। मैंने केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से भी बात की है। हम दोनों ने सुलह की और अब हम संतुष्ट हैं। हम मिलकर 2023 में बीजेपी सरकार बनाएंगे।
लोकसभा चुनाव से पहले छोड़ी थी पार्टी
2019 के लोकसभा चुनाव में अर्जुन राम मेघवाल को बीकानेर से उम्मीदवार बनाए जाने से गुस्से में भाटी ने पार्टी छोड़ दी थी। उन्होंने अर्जुन राम मेघवाल के खिलाफ खुलेआम विरोध किया था। इस बीच पिछले कई महीनों से उनकी पार्टी में वापसी की चर्चा चल रही थी और गुरुवार को उनकी वापसी हो गई।
राजे के करीबियों में होती है गिनती
बता दें कि देवी सिंह भाटी की गिनती पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के करीबी नेताओं में होती है। वहीं चुनाव से पहले उनकी इस घर वापसी को बीजेपी खासतौर पर राजे गुट के लिए मजबूती के तौर पर देखा जा रहा है।
1980 में लड़ा पहला चुनाव
भाटी 1980 में कोलायत विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक चुने गए थे। तब से लेकर 2008 तक वह लगातार इसी सीट से विधायक ही चुने गए। 2013 में वह चुनाव हार गए थे। 2018 में बीजेपी ने उनकी बहू पूनम कंवर को टिकट दिया था।