जयपुर। देशभर समेत राजस्थान में एनआईए ने छापे मारे हैं। टोंक जिले में रेड की सूचना दी गयी है। कोतवाली थाना इलाके के शागिर्द पेशा इलाके में रेड मारी है। शहर कोतवाल जितेंद्र सिंह चरण सहित कोतवाली थाने में भारी जाब्ता तैनात है। एनआईए की टीम इलाके के एक घर में मौजूद है। हालांकि, एनआईए के अधिकारियों ने किसी भी तरह की जानकारी देने से इनकार किया है। फिर भी आपको बता दें कि राजस्थान में मंगलवार देर रात एनआईए की टीमों ने अचानक कई जगहों पर छापेमारी की. एनआईए की छापेमारी की खबर लगते ही लोगों में हड़कंप मच गया। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के टोंक, कोटा और गंगापुर सहित कई जगहों पर एनआईए की छापेमारी की ख़बर है।
संदिग्ध को हिरासत में भी लिया गया
सुरक्षा के लिहाज से एनआईए टीमों ने स्थानीय पुलिस का भी सहयोग लिया है। कई संदिग्ध को हिरासत में भी ले लिया गया है। फिलहाल मामले को लेकर ठिकानों से मिले दस्तावेजों और आईटी गैजेट्स को खंगाला जा रहा है। आपको बता दें कि सुरक्षा एजेंसी एनआईए ने राजधानी दिल्ली समेत, महाराष्ट्र और देश के कई बड़े राज्यों में व्यापक रुप से कार्रवाही की है।
सर्च ऑपरेशन जारी
बता दें कि NIA का यह सर्च ऑपरेशन PFI को लेकर किया जा रहा है। हाल ही में भारत सरकार ने PFI पर एक्शन लेते हुए प्रतिबंध लगाया था। राजस्थान के कई इलाकों में NIA की कार्रवाही जारी है। बताया जा रहा है कि यह पूरा मामला बिहार के फुलवारी शरीफ से जुड़ा हुआ है. यहां पीएफआई कैडर से ताल्लुक रखने वाला कई आरोपी आतंकी गतिविधियों को पूरा करने से पहले ट्रेनिंग सेशन का संचालन कर रहे थे. इस मामले में 12 जुलाई को फुलवारी शरीफ पुलिस स्टेशन द्वारा मामला दर्ज किया था. इसके पश्चात इन गुटों को NIA को सौंपा गया था. इसके बाद देशभर में कई संदिग्ध इलाकों पर छापेमारी की गई थी.
गिरफ्तार भी किया गया
जांच एजेंसी द्वारा इस मामले में तनवीर रजा उर्फ बरकटी और मोहम्मद आबिद उर्फ आर्यन को गिरफ्तार भी किया गया था. आपको बता दें कि पीएफआई को पिछले साल आतंकवाद विरोधी गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम (UAPA) के तहत बैन कर दिया गया था. समाचार एजेंसी PTI ने बताया है कि इस छापेमारी को केस नंबर 31/2022 के आधार पर की गई है. ये मामला पीएफआई, उसके नेताओं और कैडरों की हिंसक और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने से जुड़ा हुआ है. मामले से जुड़े सभी आरोपी पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में हिंसक और गैरकानूनी गतिविधियों के उद्देश्य से इकट्ठा हुए थे.
आचार संहिता काल में अपराध
बता दें कि राजस्थान में चुनावी तिथि की घोषणा के साथ आचार संहिता भी जारी है. ऐसे में अपराध को देखते हुए लगातार NIA की रेड जगह-जगह पर जारी हैं.