जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान हो गया है। इस साल प्रदेश में 23 नवंबर के बदले अब 25 नवंबर को वोटिंग कराई जाएगी। प्रदेश भर में आचार संहिता भी जारी है। बात करें भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची की तो भाजपा ने तीन दिन पहले 41 उम्मीदवारों का नाम अपने पहले लिस्ट में जारी किया था। वहीं बात किया जाए सभी 41 प्रत्याशियों सीटों की तो 2018 के विधानसभा चुनाव में इसमें से 40 सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। ध्यान में रखते हुए भाजपा ने इसके लिए जातिगत समीकरण को बदलने का काम किया हैं।
40 सीटों पर वर्तमान में हार
बात करें वर्तमान की तो इस समय राजस्थान में भाजपा अपने पहली उम्मीदवारों की सूची पर जारी हुई 41 सीटों में 40 सीटों पर भाजपा हारी हुई हैं। इसलिए भाजपा ने इस साल एक बड़ा दावं खेलते हुए 9 सीटों पर जातिगत समीकरण का प्रयोग किया हैं। बता दें बीजेपी इस बार 9 विधानसभा क्षेत्रों पर जातीगत समीकरण का सहारा लेकर राज्य में जीत का रणनीति तैयार की हैं। 9 विधानसभा सीटों में श्रीगंगानगर, सीकर, झुंझुनूं, जयपुर, अजमेर, अलवर, भीलवाड़ा, जालोर शामिल हैं जहां इस टेक्निक का इस्तेमाल भाजपा पार्टी की हैं। बात करें अगर 2018 चुनाव की तो उस समय भाजपा ने जिस जाती के व्यक्ति को चुनावी मैदान में उतरने का मौका दी थी यह सब चुनाव में अपना खता भी नहीं खोल पाए थे।
अन्य जाति को मिला मौका
2023 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपनी पुरानी रणनीति का उपयोग नहीं करते हुए जातिगत समीकरण का सहारा लेकर अब राज्य में जीत का दावा कर रही हैं। ऐसे में अन्य जाती के व्यक्ति को उम्मीदवार बना कर चुनावी मैदान में उतारा गया है।
सीटों पर हुई बदलाव
-साल 2018 में श्रीगंगानगर विधानसभा क्षेत्र से पंजाबी समुदाय के व्यक्ति को टिकट दिया गया था जबकि इस साल वैश्य समाज के व्यक्ति को.
- साल 2018 में लक्ष्मणगढ़ से ब्राह्मण जाती के व्यक्ति को टिकट दिया गया किन्तु इस साल जाट समाज को।
- साल 2018 में कोटपूतली विधानसभा क्षेत्र से वैश्य समुदाय के व्यक्ति को टिकट दिया गया था जबकि इस साल गुर्जर समाज के व्यक्ति को
-साल 2018 में तिजारा विधानसभा क्षेत्र से गुर्जर समुदाय के व्यक्ति को टिकट दिया गया था जबकि इस साल यादव समाज के व्यक्ति को.
- साल 2018 में बानसूर विधानसभा क्षेत्र से यादव समुदाय के व्यक्ति को टिकट दिया गया था जबकि इस साल राजपूत समाज के व्यक्ति को.
- साल 2018 में केकड़ी विधानसभा क्षेत्र से वैश्य समुदाय के व्यक्ति को टिकट दिया गया था जबकि इस साल ब्राह्मण जाती के व्यक्ति को.
-साल 2018 में सांचौर विधानसभा क्षेत्र से कलबी समुदाय के व्यक्ति को टिकट दिया गया था जबकि इस साल पटेल जाती के व्यक्ति को.
- साल 2018 में साहड़ा विधानसभा क्षेत्र से जाट समुदाय के व्यक्ति को टिकट दिया गया था जबकि इस साल वैश्य जाती के व्यक्ति को.
- साल 2018 में नवलगढ़ विधानसभा क्षेत्र से सैनी समुदाय के व्यक्ति को टिकट दिया गया था जबकि इस साल राजपूत जाती को मौका मिला है।