जयपुर। कांग्रेस सरकार के द्वारा पिछले चार सालों में शहर में जो 50 से अधिक बड़े काम चल रहे थे, वो पूरे हो गए हैं। यहीं नहीं इन कामों का कभी वर्चुअल तो कभी समारोहपूर्वक उद्घाटन किया जाता रहा है।
जल्दबाजी में हुए थे कई कार्यक्रम
राजस्थान में आचार संहिता लगने से पहले ही जल्दबाजी में कई लोकार्पण और शिलान्यास कर दिए गए। ऐसा इसलिए किया गया ताकी उस पर अपने नाम की पट्टी लगाई जा सके। वहीं कोटा में भी हजारों कारोड़ के कार्यों का जल्दी-जल्दी शिलान्यास और लोकार्पण किया गया, जिसमें से अभी कुछ कार्य बाकी है। हालांकि अगर गौर करें तो दो महीने पहले लोकार्पण और शिलान्यास के कार्यक्रमों की बाढ़ सी आ गई।
सुबह से शाम तक लोकार्पण और शिलान्यास हुए
बताया जा रहा है कि इस दौरान एक ही दिन में पांच- पांच कार्यक्रम तक हुए हैं। यहीं नहीं सुबह से लेकर शाम तक जल्दी-जल्दी लोकार्पण और शिलान्यास किए गए। बता दें कि कांग्रेस सरकार ने पिछले चार सालों में शहर में 50 से अधिक बड़े काम शुरु किए थे। इन कामों का कभी वर्चुअल तो कभी समारोहपूर्वक उद्घाटन होता रहा। वहीं अगस्त और सितंबर में ही 2057.18 करोड़ रुपये के 14 बड़े कामों का और छह अक्टूबर को 525 करोड़ के सीवरेज प्रोजेक्ट का भी लोकार्पण किया गया। इस दौरान सबसे बड़े प्रोजेक्ट के रूप में चम्बल रिवर फ्रंट का भी लोकार्पण किया गया था। वहीं 1442 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया चम्बल रिवर फ्रंट जनता को समर्पित किया गया।
ये अन्य कार्य भी किए गए
यहीं नहीं बाद में 120 करोड़ की लागत से सिटी पार्क का भी लोकार्पण किया गया। इसके साथ ही 111.14 करोड़ का बोरखेड़ा फ्लाइओवर बनाया गया। जिसके बाद कई बड़े चौराहे, ओवर ब्रिज, अंडर ब्रिज, एमबीएस और जेके लोन अस्पताल, रामपुरा अस्पताल, चौपाटी, सीवरेज प्रोजेक्ट, एरोड्रम अंडरपास, सीएडी सर्किल कीर्ति स्तंभ सहित कई अन्य कार्य भी हुए। बता दें कि 293 करोड़ की लागत से अमृत-2 योजना के तहत शहर के बचे हिस्से में सीवरेज के लिए लाइन और पांच एसटीपी का काम भी किया जाएगा। 50 करोड़ की लागत से उत्तर नगर निगम की नई बिल्डिंग बनाई जाएगी। वहीं चम्बल रिवर फ्रंट के दूसरे चरण का कार्य होगा, जिसका लोकार्पण अभी नहीं हो सका है।