जयपुर। राजस्थान में मौसम बदलते ही मौसमी बीमारियों ने पांव पसारना शुरू कर दिया है. यह देखते हुए हेल्थ डिपार्टमेंट ने भी पूरी तैयारी कर ली है. बता दें कि मौसमी बीमारियों पर नियंत्रण रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जरुरी तैयारियां शुरू कर दी हैं. इससे संबंधित प्रदेश भर के स्वास्थ विभाग को नोटिस भेजा गया हैं. बता दें कि मुख्य सचिव चिकित्सा और स्वास्थ्य सचिव शुभ्रा सिंह ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि प्रदेश में मौसमी बीमारियों जैसे मलेरिया,डेंगू व स्क्रब टायफस आदि पर रोकथाम शुरू किया जाए।
लापरवाही बरतने से करें परहेज
राज्य के मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव शुभ्रा सिंह ने पदाधिकारी से किसी भी स्थिति पर लापरवाही बरतने से बचने को कहा है. साथ में उन्होंने सभी मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारियों को कहा है कि मौसमी बीमारियों के प्रभावी रोकथाम के लिए जरुरी गतिविधियां बनाने की तैयारी की जाए।
मरीजों के आंकड़े
आपको बता दें कि पूरे राजस्थान में इस समय डेंगू के कुल 8952 मरीजों का इलाज अस्पतालों में चल रहा है। अभी तक 6 लोगों की मौत डेंगू से हो चुकी है. वहीं वर्तमान में कोटा में डेंगू के 1539 , 360 उदयपुर में , 344 श्रीगंगानगर में, 390 झुंझुनू में, चुरू में 311, बाड़मेर में 375, अलवर में 387 मरीजों का इलाज चल रहा है. जबकि वहीं प्रदेश भर में 1837 मलेरिया के मरीजों का इलाज चल रहा है. जिसमें से बाड़मेर में 937मरीज ,जैसलमेर में 178 मरीज , जोधपुर में 97 मरीज , वहीं उदयपुर में 234 मलेरिया के मरीज हैं. हालाकिं इतने बिमार मरीज होने के बावजूद अच्छी ख़बर यह है कि किसी की मृत्यु नहीं हुई है।
चिकनगुनिया के 149 मरीज
पूरे राजस्थान में चिकनगुनिया के 149 मरीजों का इलाज अभी चल रहा है. वहीं राजधानी जयपुर में 55 चिकनगुनिया के, अलवर में 10, भरतपुर में 10, दोसा में 15, सीकर में 12 और टोंक में 10 मरीज हैं, हालांकि इतने बीमार मरीज होने के बावजूद अच्छी ख़बर यह है कि डेंगू से किसी की मृत्यु नहीं हुई है।
प्रभावित जिलों के मॉनिटरिंग
मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने मंगलवार (17 अक्टूबर) को शासन सचिवालय स्थित अपने आवास पर मौसमी बीमारियों पर नियंत्रण रखने के लिए अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि धौलपुर, बीकानेर, भरतपुर, बारां में बीमारियों की रोकथाम एंव नियंत्रण गतिविधियों की मॉनिटरिंग की आवश्यकता है।
ये अधिकारी रहे मौजूद
बता दें कि बैठक में निदेशक (जन स्वास्थ्य) डॉ. रवि प्रकाश माथुर, अति. निदेशक (ग्रा.स्वा.) डॉ. रवि प्रकाश शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी के साथ वरिष्ठ डॉक्टर्स भी मौजूद रहे.