Sunday, November 10, 2024

Rajasthan Election 2023 : कोटा की छह सीटें अटकी, जानें कारण

जयपुर। राजस्थान में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। ऐसे में कांग्रेस ने अपनी पहली और दूसरी सूची जारी कर दी है। पार्टी ने अब तक कुल 76 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लगा चुकी है। पार्टी की दूसरी लिस्ट में हाड़ौती से अंता सीट से मौजूदा विधायक प्रमोद जैन भाया को फिर से मौका दिया गया है। हिंडोली सीट पर एक दिन पहले अशोक चांदना को उम्मीदवार घोषित किया गया। वहीं हाड़ौती से वर्तमान सरकार में तीन मंत्री हैं, जिसमें चांदना और भय को फिर से मौका मिल चुका है लेकिन UDH मंत्री शांति धारीवाल के विधानसभा क्षेत्र कोटा उत्तर सीट पर अभी भी आशंका बना हुआ है। सूत्रों के मुताबिक बताया जा रहा है कि उत्तर सीट के पेंच में कोटा जिले की 6 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम पर मंथन चल रहा है। बताया जा रहा है कि पैनल में जो नाम आया है उन सभी नाम पर नए तरीके से विचार किया जा रहा है।

कोटा की सीट से उम्मीदवार नहीं

कांग्रेस ने अपनी दूसरी लिस्ट में भी कोटा जिले के 6 सीटों पर एक भी सीट से उम्मीदवार घोषित नहीं की है। जिस कारण राजनीतिक गलियारों में सियासी पारा तेज हो चुका है। वहीं कुछ दिन पहले एक ख़बर सामने आई थी कि उत्तर कोटा सीट को होल्ड पर रखा गया है और दक्षिण कोटा सीट में भी अब तक पेंच फंसा हुआ है।

दावेदारों की लंबी लिस्ट

लाडपुरा क्षेत्र से दावेदारों की लंबी कतार है । जिसमें CM अशोक गहलोत और सचिन पायलट के कुछ दावेदार हैं। अगर पिछले तीन विधानसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस पिछले तीन चुनाव से मुस्लिम उम्मीदवार को मौका दे रही है लेकिन अब तक कांग्रेस को इस क्षेत्र में अपना खाता खोलने से वंचित रहना पड़ा है। बताया जा रहा है कि 2023 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इस क्षेत्र से गैर मुस्लिम पर दावं खेलने का प्लान बना रही है। वहीं मौजूदा विधायक भरत सिंह को सांगोद सीट से चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर चुकी है। आपको बता दें कि इस क्षेत्र में तीन दर्जन कार्यकर्ताओं ने मैदान खाली देखकर अपने दावेदारी को पेश की है।

टिकट की मांग को लेकर प्रदर्शन

कोटा विधानसभा क्षेत्र से दावेदारों ने अपने समर्थकों के टिकट की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दी है। पीपल्दा में मौजूदा विधायक रामनारायण मीणा ने बूंदी से उम्मीदवार जताई है। बता दें कि बूंदी में भी तीन दर्जन कार्यकर्ताओं ने दावेदारी पेश की है। इस क्षेत्र में SC वर्ग के लिए आरक्षित रामगंज मंडी सीट पर अब तक उम्मीदवार तय नहीं किया गया है। कांग्रेस इस बार 2003 से लगातार हार के कारण इस सीट पर नए चेहरें को मौका देने की तैयारी में है।

बीजेपी की निगाहें इन सीटों पर

बीजेपी ने भी कोटा की छह सीटों में अब तक कोटा दक्षिण और सांगोद से ही उम्मीदवार उतारे हैं। बाकी चार सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर संशय बना हुआ है। रामगंज मंडी और लाडपुरा सीट पर 2003 से आज तक बीजेपी ने ही खाता खोला है। रामगंजमंडी से मदन दिलावर और लाडपुरा से मौजूदा विधायक कल्पना देवी हैं। बता दें कि पिछली बार दिलावर ने रामगंज मंडी से चुनाव लड़ा जबकि बारां जिले से आज तक चुनाव लड़ते रहे हैं। अगर लाडपुरा की बात करें तो इस विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी में भी दावेदारों की लंबी लिस्ट है। सभी राजनीतिक पार्टियों की निगाह उत्तर विधानसभा सीट पर ज्यादा है। इस सीट पर नए समीकरणों के तौर पर प्रत्याशी उतारने की तैयारी चल रही है। वहीं इस क्षेत्र में एक दावेदार का नाम पहली सूची में नहीं आने पर उनके समर्थकों ने रातों-रात प्रचार बैनर को जगह-जगह से उतार दिया। बीजेपी इस बार पीपल्दा में नए चेहरे की तलाश में है। नए चेहरे के रूप में दो-तीन नाम चर्चा का विषय बना हुआ है।

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