जयपुर। देशभर में त्योहारी सीजन के धूम मची हुई है। ऐसे में दीपावली के आतिशबाजी से पहले ही हवा जहरीली बन चुकी है। अक्सर देखा जाता है कि सर्दियों के आते ही उत्तर भारत में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है। एयर पॉल्यूशन के कारण हवा में जहरीले गैस जैसे सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाय आक्साइड और जहरीले कण घुल जाते हैं। इस कारण उत्तर भारत में रहने वाले लोगों को सांस लेने में मुश्किलें बढ़ने लगती है। इन दिनों की बात करें तो दिल्ली एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में वायु प्रदूषण का लेवल पिक पर है। इसके साथ ही इन जगहों में स्मोक का परत छाया हुआ है। एयर पॉल्यूशन के कारण अस्थमा और सांस से जुड़ी बीमारियां बढ़ती है लेकिन इसके साथ अब एयर पॉल्यूशन के कारण कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी और ब्रोंकाइटिस सहित कई अन्य गंभीर बीमारी तक की चांसेस बढ़ गई है।
लंग्स कैंसर होने का आशंका
बता दें कि वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि हर वर्ष लगभग 76 लाख से अधिक लोग फेफड़ों के कैंसर से जूझ रहे हैं। ऐसे में एयर पॉल्यूशन के लेवल में बढ़ोतरी से यह आकड़ा हर वर्ष और अधिक बढ़ता ही जा रहा है। इस संबंध में हेल्थ एक्सपर्ट बताते है कि दूषित हवा में पाए जाने वाले पीएम 2.5 जब फेफड़ों के अंदर प्रवेश करता है तो कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को बढ़ावा मिलता है। इस संबंध में हेल्थ एक्सपर्ट का यह भी कहना है कि वायु प्रदूषण के कारण कैंसर का खतरा और अधिक बढ़ जाता है।
डॉक्टर से सलाह ले
आज से 4 से 5 वर्ष पहले की बात करें तो उस दौरान कहा जाता था कि लंग्स कैंसर सिर्फ स्मोकिंग और धूम्रपान करने वालों को ही होता है लेकिन पिछले कुछ सालों में वायु प्रदूषण को भी इस बीमारी का वजह बताया गया है। वहीं बता दें कि लंग्स कैंसर का खतरा जब बढ़ता है तब सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई, हमेशा बलगम बनान, हर समय थकान महसूस करना, गर्दन और चेहरे पर सूजन आ जाना, दिल भारी रहना, वजन में अचानक कमी आना लक्षण देखा जाता है। अगर इस तरह की लक्षण दिखें तो जल्द ही डॉक्टर से सलाह ले।
अन्य बीमारियों का भी खतरा
बढ़ते एयर पॉल्यूशन के कारण कैंसर के साथ-साथ कार्डियोवैस्कुलर डिजीज की भी चांसेस बढ़ जाती है। डॉक्टर का कहना है कि जब-जब हवा में जहरीले और पोल्यूटेड होगी तब-तब ब्लड वेसल में जहरीली कण पहुंचेगी जिस कारण ब्लड वेसल खराब होने की चांसेस बढ़ सकती है। इसके साथ ही कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के भी खतरे बढ़ जाते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट कहते है कि एयर पॉल्यूशन के कारण एलर्जी, हाइपरटेंशन, निमोनिया, अस्थमा और प्रीमैच्योर डिलीवरी की भी दिक्कतें बढ़ जाती है।