जयपुर। राजस्थान विधानसभा के चुनाव परिणाम 3 दिसंबर को जारी हो चुके हैं लेकिन अब तक सीएम पद पर चल रही गुत्थम-गुत्थी सुलझी नहीं है। ऐसे में भाजपा ने पर्यवेक्षकों के जरिए इस जटिल मसले को सुलझाने की कोशिश की है। राजस्थान की राजनीतिक स्थिति और आगामी लोकसभा को देखते हुए पार्टी ने राजनाथ सिंह जैसे कद्दावर और अनुभवी नेता को मुख्यमंत्री पद को लेकर उलझे मसले को सुलझाने के लिए भेजा है।
बीजेपी के संकटमोचक
राजनाथ सिंह बीजेपी के अनुभवी नेता हैं। वो जमीनी स्तर से उठकर और संगठन में होते हुए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के पद तक पहुंचे। दो बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। उनके कार्यकाल के दौरान नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने। संकट के घड़ी में जब भी भाजपा को जरूरत पड़ी वो मजबूती से खड़े रहे। अब जब राजस्थान में मुख्यमंत्री पद को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है तो ऐसे में बीजेपी ने उन्हें पर्यवेक्षक बनाकर भेजा है।
वसुंधरा राजे से पुराना तालमेल
बता दें कि राजनाथ सिंह जब पहली बार बीजेपी के अध्यक्ष बने थे तब राजस्थान में वसुंधरा राजे सीएम थीं। वसुंधरा राजे से उनका पुराना तालमेल रहा है। अब जब वसुंधरा राजे सीएम पद को लेकर चुनौती खड़ी कर रही हैं तो ऐसे में उनका सामना राजनाथ सिंह ही कर सकते हैं। 2020 में भी जब राजस्थान में भाजपा की सरकार बनने की संभावनाएं दिख रही थी तो वसुंधरा राजे सिंधिया ने राजनाथ सिंह से मुलाकात की थीं। वसुंधरा को समझाने के लिए राजनाथ सिंह से बेहतर विकल्प कोई नहीं हो सकता था।