Friday, November 22, 2024

राजस्थान: प्रदेश के हेल्थ मिनिस्टर का बयान–’राइट टू हेल्थ’ बिल को किसी भी सूरत में वापस नहीं लिया जाएगा

जयपुर। राजस्थान में कई दिनों से ‘राइट टू हेल्थ’ बिल का विरोध करने के लिए प्रदेश के सभी डॉक्टर्स सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे है ऐसे में राज्य के हेल्थ मिनिस्टर ने सोमवार के दिन बिल को किसी भी सूरत में वापस न लेने की बात कही।

परसादी लाल मीणा का बयान

आपको बता दें कि कुछ दिन पूर्व प्रदेश में ‘राइट टू हेल्थ’ बिल विधानसभा में पारित हुआ था, बिल के विरोध में डॉक्टर्स बिल लागू होने के बाद और भड़क गए जिसके बाद बीते कल यानि सोमवार के दिन डॉक्टर्स प्रदेशभर में पैदल मार्च निकाल रहे थे इसी कड़ी में राज्य के हेल्थ मिनिस्टर परसादी लाल मीणा ने बयान देते हुए कहा कि सरकार किसी भी सूरत में राइट टू हेल्थ बिल को वापिस नही लेगी। उन्होंने कहा– हम बातचीत करने के लिए तैयार हैं। अगर बिल को लेकर कोई परेशानी है तो उसके लिए भी हम बैठक करने को तैयार है लेकिन हम किसी भी सूरत में बिल को वापस नहीं लेंगे। हेल्थ मिनिस्टर ने बिल का विरोध कर रहे डॉक्टर्स से कहा– इस बिल का विरोध करने से कोई मतलब नहीं।

राज्य हेल्थ मिनिस्टर ने बिल का किया समर्थन

प्रदेश के हेल्थ मिनिस्टर परसादी लाल मीणा ने बिल का समर्थन करते हुए कहा- ‘राइट टू हेल्थ बिल’ को बहुत ही सोच समझकर लाया गया है। इस बिल से प्रदेशवासियों को लाभ मिल सकेगा। हेल्थ मंत्री ने कहा कि इस बिल को पास करने के पहले बिल को चुनिंदा कमिटी के पास भेजा गया था. उन्होंने कहा इस बिल से इमरजेंसी ट्रीटमेंट के लिए मुफ्त में इलाज करना संभव हो सकेगा। अब हर किसी को ‘राइट टू हेल्थ’ की पावर है. प्रदेश में कोई भी अस्पताल मरीजों का इलाज करने से मना नहीं कर सकेगा। परसादी लाल मीणा ने कहा कि अगर डॉक्टर्स ऐसे ही प्रदर्शन करते रहे तो जरुरत पड़ने पर हम अस्पतालों में इलाज के लिए और डॉक्टर्स भर्ती करेंगे।

29 मार्च को अवकाश पर रहेंगे डॉक्टर्स

बता दें कि ‘सर्विंग डॉक्टर्स एसोसिएशन’ ने राइट टू हेल्थ का विरोध करते हुए 29 मार्च को सामूहिक अवकाश पर जाने का ऐलान किया है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शरद कुमार अग्रवाल ने कहा कि इस बिल से किसी को भी फायदा नहीं होगा इसलिए इस बिल को वापस ले लेना चाहिए। उन्होंने गहलोत सरकार से अपील करते हुए कहा कि इस राज्य में जनता को काफी नुकसान हो रहा है, सरकार को यह बिल वापस ले लेना चाहिए।

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