जयपुर। पिछली गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे अलवर ग्रामीण सीट से विधायक टीकाराम जूली को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है। नेता प्रतिपक्ष बनते ही उन्होंने बीजेपी सरकार को लेकर बयान दिया है। उन्होंने भजनलाल सरकार को पर्ची की सरकार बताते हुए कहा कि यह सरकार तो पहले ही घिरी पड़ी है, यह तो पर्ची की सरकार है।
जूली ने दिया बयान
विधानसभा सत्र में सरकार को घेरने के मुद्दों को लेकर जूली बोले- ‘पूर्ववर्ती सरकार की योजनाओं के नाम बदलने की बात हो या फिर योजनाएं बंद करने की बात हो, ये सब मुद्दे सदन में उठाए जाएंगे। इसके साथ ही युवा, महिला और वंचित वर्ग के मुद्दे भी सदन में उठाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश की भजनलाल सरकार पर्ची की सरकार है और पहले से ही घिरी पड़ी है। उन्होंने कहा, ED को हथियार बनाकर कांग्रेस नेताओं को डराने का काम किया जा रहा है।
भंवर बने नेता प्रतिपक्ष
कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष बनाए गए टीकाराम जूली अनुसूचित जाति वर्ग से आते हैं और पिछली सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थे। टीकाराम जूली को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह का नजदीकी माना जाता है। पार्टी सूत्रों के अनुसार नेता प्रतिपक्ष पद के लिए सचिन पायलट गुट और अशोक गहलोत के बीच चल रही खींचतान के कारण पार्टी ने एक तीसरा विकल्प चुन लिया और भंवर जितेंद्र सिंह के नजदीकी माने जाने वाले टीकाराम जूली को इस पद पर नियुक्त कर दिया।
पार्टी ने चुना तीसरा नेता
बता दें नेता प्रतिपक्ष पद के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से आदिवासी नेता महेंद्रजीत सिंह मालवीय का नाम आगे बढ़ाया गया था। जबकि सचिन पायलट गुट पूर्व मंत्री और पंजाब कांग्रेस के प्रभारी रह चुके हरीश चौधरी को इस पद पर देखना चाह रहा था। हालांकि खुद सचिन पायलट भी इस पद के दावेदारी ठोक रहे थे लेकिन पार्टी ने उन्हें छत्तीसगढ़ का प्रभारी बना दिया है ऐसे में वे इस पद की दौड़ से बाहर हो गए थे। दोनों गुटों के बीच अपने-अपने नेताओं के नाम को लेकर लॉबिंग चल रही थी, ऐसे में पार्टी ने एक तीसरा नाम चुन लिया।