Sunday, November 10, 2024

राजस्थान: ‘राइट टू हेल्थ बिल’ को लेकर बनी सहमति, रेजिडेंट्स डॉक्टर्स ने मरीजों को सेवाएं देने का किया ऐलान

जयपुर। ‘राइट टू हेल्थ’ विरोध के दौरान रेजिडेंट्स डॉक्टर्स ने सरकार द्वारा इन पांच विषयों पर सहमति जताते हुए आज से काम पर लौटने का फैसला लिया है।

मरीजों को सेवाएं देना फिर से जारी

आपको बता दें कि राजस्थान में ‘राइट टू हेल्थ’ बिल को लेकर लंबे समय से विरोध प्रदर्शन चल रहा था. लेकिन अब एक बड़ी खबर सामने आई है कि प्रदेश में विरोध कर रहें रेजिडेंट्स डॉक्टर्स ने इस बिल पर सहमति जताई है. सरकार से वार्तालाप के बाद रेजिडेंट्स डॉक्टर्स ने काम पर लौट जाने का निर्णय लिया है. आज से जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट्स SMS हॉस्पिटल समेत अन्य हॉस्पिटल्स में मरीजों को सेवाएं देते नजर आएंगे।

इन मांगो पर बानी सहमति

बता दें कि सरकार से बातचीत के दौरान रेजिडेंट्स डॉक्टर्स ने 5 विषयों पर सहमति जताई है. सीनियर रेजिडेंट्स के पद संभालने वाले डॉक्टर्स को वर्तमान वेतन में DA के साथ HRA दिए जाने के लिए वित्त विभाग को प्रस्ताव प्रेषित किया जाएगा। वहीं पहले दिए जा रहे HRA में बढ़ोतरी के लिए भी वित्त विभाग को प्रस्ताव दिया जाएगा। रेजिडेंट्स डॉक्टर्स /डीएनबी रेसिडेंट्स डॉक्टर्स/ सीनियर रेसिडेंट्स के कार्य बहिष्कार की अवधि को डे ऑफ या गवर्नमेंट हॉलिडे के रूप में स्वीकार करते हुए समझौता किया जाएगा और वेतन में कोई कटौती नहीं की जाएगी। बता दें कि प्रदेश के रेजिडेंट्स डॉक्टर्स आज यानि 30 मार्च को सुबह 9 बजे कार्य पर लौटेंगे।

पिछले चुनाव में इस बिल का किया था ऐलान

आपको बता दें कि गहलोत सरकार ने 2019 के चुनाव में ‘राइट टू हेल्थ बिल’ कि घोषणा करते हुए कहा था कि सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार इस बिल को लागू कर देंगे। चुनाव जीतने के बाद सरकार ने कई बार इस बिल को लागू करना चाहा लेकिन हर बार डॉक्टर्स के विरोध के चलते बिल लागू नहीं हो सका. अब 2023 में जाकर यह बिल पूरे राज्य में लागू हो सका है.

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