जयपुर। राजस्थान के जोधपुर में 21 मार्च से नहरबंदी शुरू होगी। यह नहरबंदी 21 मई तक चलेगी। बता दें कि शुरू के 30 दिन आंशिक नहरबंदी की जाएगी। इस दौरान पेयजल के लिए पानी पंजाब से मिलेगा। इंदिरा गांधी नहर में इस बार लगातार चौथे वर्ष नहरबंदी की जाएगी। विभाग इस संबंध में सूचना जारी कर दिया है। ऐसे में इस वर्ष नहरबंदी कुल 60 दिन चलेगी। अंतिम के 10 से 15 दिन शहर में जो पानी सप्लाई किया जाएगा उसके लिए जोधपुर में पानी संचित किया जाएगा।
नहरबंदी 21 मई तक रहेगी
नहरबंदी 21 मार्च से शुरू होगी जो 21 मई तक चलेगी। अगले 20 दिन तक मुख्य नहर और राजीव गांधी लिफ्ट केनाल में संचित पानी से काम जारी रहेगा। बता दें कि नहरबंदी की अवधि खत्म होने के बाद पांच से सात दिन का समय जोधपुर में पानी पहुंचने में लगता है। तीन दिन में व्यवस्थाओं की रिपोर्ट विभाग ने मांगी है। रिपोर्ट में मांगी गई है कि स्थानीय स्तर पर कितने पानी को संचित किया जाएगा और क्या व्यवस्था की जाएगी।
जोधपुर से 200 एमसीएफटी पानी की आवश्यकता
10 मई से 25 मई तक क्लोजर के शेडयूल के मुताबिक स्थानीय स्तर पर संचित पानी से काम चलेगा। ऐसे में इस दौरान लोगों को सबसे अधिक पानी संकट से जूझना पड़ेगा। बता दें कि इन 15 दिनों में जोधपुर से 200 एमसीएफटी पानी की आवश्यकता पड़ेगी।
इन्दिरा गांधी नहर क्यों है अहम ?
इन्दिरा गांधी नहर राजस्थान की महत्वपूर्ण नहर में से एक हैं। इस नहर का पुराना नाम “राजस्थान नहर” था। राजस्थान के उत्तर-पश्चिम भाग में यह बहती है। इसे राजस्थान की मरूगंगा के नाम से भी जाना जाता है। सिंचाई के लिए यह सबसे बड़ी नहर है।
क्या है इंदिरा गांधी नहर परियोजना ?
बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह ने 1927 में बीकानेर और गंगानगर में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए एक नहर निर्माण का कार्य शुरू करवाया था। इसका नाम उन्होंने गंग-नहर दिया था। आज यह नहर गंगानगर में मौजूद है