Saturday, November 23, 2024

Mahashivratri 2024: कोटा में एक साथ करें भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन, जानें इसके पीछे का कारण

जयपुर। देशभर में आज यानी 8 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। ऐसे में राजस्थान के कोटा शहर में एक ऐसी जगह जहां आप कर सकते है, भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन। तो आइए जानते हैं पूरा तथ्य।

12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन एक साथ

राजस्थान के कोटा में भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर हैं। माना जाता है कि इस मंदिर की अपनी एक अलग ही विशेषता है। इस मंदिर में भोलेनाथ की एक ऐसी मंदिर हैं जो चंबल नदी की गहराईयों में सैकड़ों फिट नीचे स्थित है। बता दें कि यहां महाशिवरात्रि पर हजारों की संख्या में भक्त पहुंचते है और एक साथ एक जगह पर भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन करते हैं। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग देश के अलग-अलग जगहों पर स्थित हैं। ऐसे में भोलेनाथ के ज्योतिर्लिंग के दर्शन एक साथ सिर्फ कोटा स्थित शिव मंदिर में ही होता है। माना जाता है कि भोलेनाथ के इस दिव्य रूप के दर्शन मात्र से भक्तों को सैकड़ों गुना पुण्य मिलता है।

इन ज्योतिलिंर्गों के होते है दर्शन

बता दें कि कोटा के राधा कृष्ण मंदिर में इन ज्योतिलिंर्गों की स्थापना की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार साल 1998 में ओंकारेश्वर की नदी से इन ज्योतिलिंर्गों को निकाला गया था। इसके बाद ही इन्हें कोटा लाकर मंदिर में स्थापित किया गया. इस मंदिर में भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंग में विश्वेश्वर महादेव, महाकालेश्वर- उज्जैन, सोमनाथ- गुजरात, केदारनाथ-उत्तराखंड, भीमाशंकर- महाराष्ट्र, नागेश्वर, वेदनाथ- झारखंड, मल्लिकार्जुन- आंध्र प्रदेश, त्रयंबकेश्वर- नासिक, गुश्वेश्वर- महाराष्ट्र, रामेश्वरम- कन्याकुमारी, ओंकारेश्वर- मध्य प्रदेश के दर्शन कोटा में एक ही जगह भक्तों को हो जाते हैं.

कोचिंग एरिया में हैं मंदिर

कोटा के जिस क्षेत्र में है, यह मंदिर हैं वहां बड़ी संख्या में कोचिंग स्टूडेंट हैं। ऐसे में मान्यता है कि यहां मांगी सभी मानत्ते पूरी हो जाती है. बताया जाता है कि यहां पर विराजमान सभी शिवलिंग का अपना अलग ही महत्व है.

महाशिवरात्रि पर जुटते है सैकड़ों भक्त

यहां के मंदिर में विराजमान 12 ज्योतिर्लिंगों में सभी ज्योतिर्लिंग के शिवलिंग की अलग ही आकृति है. किसी ज्योतिर्लिंग पर माला बनी हुई है, तो कहीं नाग की आकृति. इसी तरह कहीं फूल तो कहीं माला. मुख्य शिवलिंग पर तिलक की आकृति जो दूर से ही दिख जाती है. ऐसे में यहां महाशिवरात्रि पर भक्तों का तांता लगा रहता है. आज सुबह चार बजे से दो दिनों के लिए भजन कीर्तन शुरू है . यहां पर चार पहर की आरती एवं भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंगों का विशेष श्रंगार किया जाएगा।

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