जयपुर। भारतीय वायुसेना का एक तेजस विमान मंगलवार यानी 11 मार्च को जैसलमेर के पास क्रैश हो गया। तमाम मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह विमान ऑपरेशनल ट्रेनिंग के लिए उड़ान भरा था। हालांकि अभी तक के 23 सालों के रिकॉर्ड में ऐसा पहली बार देखने को मिला।
2001 में भी हुआ था दुर्घटनाग्रस्त
मंगलवार उड़ान के दौरान भारतीय वायुसेना का LCA तेजस ऑपरेशनल ट्रेनिंग के कड़ी में राजस्थान के जैसलमेर में दुर्घटनाग्रस्त हुआ। बता दें कि ये एयरक्राफ्ट क्रैश भारत शक्ति अभ्यास के दौरान हुआ। हालांकि इस भीषण हादसे में पायलट की जान बच गई। पायलट ने तेजस के क्रैश होने के पहले ही खुद को एयरक्राफ्ट से एक्सिस्ट कर लिया था। कोर्ट ऑफ इंक्वायरी को इस हादसे की पड़ताल करने का आदेश दिया गया है। यह विमान आज से 23 वर्ष पहले 2001 में परीक्षण उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
जानें तेजस से जुड़ी कुछ अहम जानकारी
जानकारी के मुताबिक इस हादसे में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। वहीं तेजस का सफर अब तक के रिकॉर्ड में काफी शानदार रहा है। लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) प्रोजेक्ट के तहत 1983 में तेजस बनाने का कार्य शुरू हुआ था। बता दें कि तेजस ने 4 जनवरी 2001 को अपनी पहली उड़ान भरी थी। इस स्वदेशी लड़ाकू विमान को वैज्ञानिक डॉ. कोटा हरिनारायण और उनकी टीम ने आगे बढ़ाया था। साल 2003 में मौजूदा प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस विमान का नाम तेजस रखा था। पिछले कुछ सालों की बात करें तो पिछले कई सालों में तेजस की चमक में वृद्धि देखा जा रहा है।
साल 2017 में HAL को मिला था तेजस का ऑर्डर
तेजस फाइटर जेट बनाने की प्रक्रिया नौसेना के विमानवाहक पोतों के लिए शुरू की गई। 2016 में, पहले दो तेजस विमानों को वायु सेना के स्क्वाड्रन में लाया गया। तेजस को 2021 में आधिकारिक रूप से भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया। रक्षा मंत्रालय ने साल 2017 में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को 83 तेजस विमानों का ऑर्डर दिया था।