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राजस्थान: CM अशोक गहलोत सोमवार को राजस्थान भवन का करेंगे शिलान्यास, राजस्थानी संस्कृति का देंगे उदाहरण

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 29 मई को दिल्ली जायेंगे। यहां पर सीएम राजस्थान भवन का शिलान्यास करेंगे जो राजस्थानी संस्कृति पर आधारित होगा। इस भवन में आधुनिक सुविधाओं के साथ लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा। सोमवार को दिल्ली रवाना होंगे सीएम आपको बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान भवन का शिलान्यास […]

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Ashok Gehlot
  • May 28, 2023 8:59 am IST, Updated 2 years ago

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 29 मई को दिल्ली जायेंगे। यहां पर सीएम राजस्थान भवन का शिलान्यास करेंगे जो राजस्थानी संस्कृति पर आधारित होगा। इस भवन में आधुनिक सुविधाओं के साथ लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा।

सोमवार को दिल्ली रवाना होंगे सीएम

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान भवन का शिलान्यास करने सोमवार को नई दिल्ली जाएंगे। राजस्थान भवन राजस्थानी संस्कृति के तर्ज पर आधारित होगा। इस भवन को कई तकनीकी सुविधाओं से लैस किया जाएगा। नए भवन में राजस्थानी खाने का कैफेटेरिया, 40 डोरमेट्री, 89 कमरे होंगे। बता दें कि सीएम ऑफिस भी एक वर्ष में बनकर तैयार होगा. जिसमें सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ लेटेस्ट तकनीक का भी उपयोग होगा.

7050 वर्ग मीटर का राजकीय गेस्ट हाउस

राजस्थान हाउस प्रदेश सरकार द्वारा निर्मित एक राजकीय अतिथि भवन है, जो लगभग 7,050 वर्ग मीटर क्षेत्र में स्थित है। इस भवन के रूप में, राजस्थान की कलात्मक आर्किटेक्चर शैली का खूबसूरत समन्वय किया जाएगा जब इसका पुनरुद्धार और पुनर्निर्माण होगा।

ये रहेंगी सुविधाएं

इस संबंध में राज्य सरकार की दृष्टि है कि राजस्थान से आने वाले अतिथियों को राष्ट्रीय राजधानी में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। इसके लिए राजस्थान हाउस का नया निर्माण किया जा रहा है। इसमें दो बेसमेंट, भूतल और 6 फ्लोर के नए भवन में 52 गाड़ियों के लिए पार्किंग की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, राज्यपाल और मुख्यमंत्री समेत अन्य वीवीआईपी के लिए एक विशेष प्रवेश विंग भी बनाई जाएगी।

संस्कृति की तर्ज पर आधारित

इस भवन के निर्माण में राजस्थानी शैली के मूल तत्वों और वास्तुकला सामग्री के साथ प्रदेश की संस्कृति और परंपरा को महत्वपूर्ण रूप से शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस निर्माण में हरित कॉन्सेप्ट, जल संचयन, सौर ऊर्जा प्रणाली और कचरा प्रबंधन प्रणाली का पूरा ध्यान रखा जाएगा।


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