Advertisement
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • Chandrayaan 3: चांद के सफर पर निकला भारत, अगस्त में चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा

Chandrayaan 3: चांद के सफर पर निकला भारत, अगस्त में चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा

जयपुर: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान (ISRO) के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग हो गई है। एलवीएम3-एम4 रॉकेट के जरिए शुक्रवार दोपहर 02:35 बजे इसे सतीश धवन स्पेस सेंटर श्रीहरिकोटा बैंगलूर से चंद्रमा के लिए प्रक्षेपित किया गया। इसरो की ओर से कहा गया कि चंद्रयान-3 मिशन के जरिए अपने चंद्रमा मॉड्यूल द्वारा सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग […]

Advertisement
चांद के सफर पर निकला भारत
  • July 14, 2023 9:59 am IST, Updated 2 years ago

जयपुर: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान (ISRO) के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग हो गई है। एलवीएम3-एम4 रॉकेट के जरिए शुक्रवार दोपहर 02:35 बजे इसे सतीश धवन स्पेस सेंटर श्रीहरिकोटा बैंगलूर से चंद्रमा के लिए प्रक्षेपित किया गया। इसरो की ओर से कहा गया कि चंद्रयान-3 मिशन के जरिए अपने चंद्रमा मॉड्यूल द्वारा सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग करके और घूमकर अंतरिक्ष एजेंसी नई सीमाओं को पार करेगी। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने 23 या 24 अगस्त तक चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग होने की संभावना है।

अगस्त में चांद के दक्षिणी ध्रुव पर करेगा लैंड

चंद्रयान-3 शुक्रवार 14 जुलाई को दोपहर 02:35 बजे लॉन्च किया गया। पृथ्वी से चंद्रमा की दुरी 384,400 किलोमीटर है। यानि चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर पहुंचने की संभावित तिथि 23-24 अगस्त है। यानि चंद्रयान-3 को चांद की यात्रा पूरी करने में लगभग 40-41 दिनों का समय लगेगा। इस मिशन का पहला टारगेट चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग है। ये मिशन का सबसे जटिल हिस्सा भी है। दूसरा टारगेट रोवर का चंद्रमा की सतह पर चहलकदमी करना और तीसरा लक्ष्य रोवर से जुटाई जानकारी के आधार पर चंद्रमा के रहस्यों से परदा उठाना है।

पृथ्वी से चांद की कक्षा का सफर

क्रॉयोजनिक इंजन चंद्रयान-3 को पृथ्वी के बाहरी ऑर्बिट में स्थापित करेगा। इसके बाद इसके सौर पैनर खुलेंगे और चंद्रयान पृथ्वी के चक्कर लगाना शुरू कर देगा। धीरे-धीरे चांद अपनी कक्षा को बढ़ाएगा और चांद की कक्षा में प्रवेश करेगा। चंद्रमा के 100 किमी की कक्षा में आने के बाद लैंडर को प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग किया जाएगा और इसके बाद लैंडर की चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग होगी।

लैंडर के सफलतापूर्वक लैंड होने के बाद रोवर जिसमें 6 पहिए लगे हैं, इसमें से बाहर आएगा और चंद्रमा की सतह पर चलेगा। यहां ये जानना जरूरी है कि इसके पूर्व में भेजे गए मून मिशन चंद्रयान-2 के लैंडर ने चंद्रमा की सतह से 2 किमी पहले ही अपना संपर्क खो दिया था।


Advertisement