जयपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के विशेष सत्र में कहा कि हम जनप्रतिनिधि अपनी-अपनी भूमिका निभाते हैं लेकिन हमारे बीच एक टोली भी बैठती है जिनकी भी कई पीढ़ियां बदल गई, जो हमें कागज पत्र पकड़ाने के लिए दौड़ते हैं। इनके काम ने भी सदन के कार्य में गुणवत्ता लाने में अहम भूमिका निभाई […]
जयपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के विशेष सत्र में कहा कि हम जनप्रतिनिधि अपनी-अपनी भूमिका निभाते हैं लेकिन हमारे बीच एक टोली भी बैठती है जिनकी भी कई पीढ़ियां बदल गई, जो हमें कागज पत्र पकड़ाने के लिए दौड़ते हैं। इनके काम ने भी सदन के कार्य में गुणवत्ता लाने में अहम भूमिका निभाई है।
सोमवार को संसद में विशेष सत्र का पहला दिन है. प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले संसदीय यात्रा की शुरुआत, अनुभव, उपलब्धियां , स्मृतियां और मिली सीख के विषय पर लोकसभा में संबोधन दिया। इस दौरान उन्होंने सदन में काम करने वाले कर्मचारियों को सराहा साथ ही पत्रकारों को भी नमन किया।
उन्होंने आगे कहा कि हम जनप्रतिनिधि अपनी-अपनी भूमिका निभाते हैं, लेकिन हमारे बीच एक टोली भी बैठती है, जिनकी भी कई पीढ़ियां बदल गई, जो हमें कागज पत्र पकड़ाने के लिए दौड़ते हैं। इनके काम ने भी सदन के कार्य में गुणवत्ता लाने में अहम भूमिका निभाई और मैं हृदय से उनका अभिनंदन करता हूं। ऐसे ही किसी ने इसकी सफाई की, किसी ने सुरक्षा, ऐसे ही कितने अनगिनत लोगों ने हमें अच्छे ढंग से काम करने में मदद की। उन्हें मैं हमारी तरफ से हमारे सदन की तरफ से विशेष अभिनंदन करता हूं।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के इस सदन पर आतंकी हमला हुआ। यह हमारी जीवात्मा पर हमला था, ये देश कभी उसे भूल नहीं सकता। जिन्होंने सदस्यों को बचाने के लिए अपने सीने पर गोलियां झेलीं, आज मैं उनकों भी नमन करता हूं। आज जब हम इस सदन को छोड़ रहे हैं तो मैं उन पत्रकारों को भी नमन करता हूं, जिन्होंने यहां की पल-पल की जानकारी देश को उपलब्ध कराई। उनका सामर्थ्य था कि वह अंदर की बात भी पहुंचाते थे। भारत की विकास यात्रा को सदन के माध्यम से समझाने की कोशिश की। आज उनके लोकतंत्र की महत्वपूर्ण ताकत बनने को याद करने का भी समय है।