जयपुर। राजस्थान के बांसवाड़ा के खमेरा गांव के वीर सपूत और सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट राजेश पंचाल को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। उनके साहस, वीरता और उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए उन्हें सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उन्हें शौर्य चक्र दिया गया। 22 मई को राष्ट्रपति भवन में सैनिकों को […]
जयपुर। राजस्थान के बांसवाड़ा के खमेरा गांव के वीर सपूत और सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट राजेश पंचाल को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। उनके साहस, वीरता और उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए उन्हें सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उन्हें शौर्य चक्र दिया गया। 22 मई को राष्ट्रपति भवन में सैनिकों को सम्मानित किया गया।
दरअसल, 20 मई को राजेश पंचाल अपने पिता के साथ समारोह में हिस्सा लेने चित्तौड़गढ़ से दिल्ली के लिए गए थे। वह कोटा पहुंचे ही थे, तभी उनके पिता की तबीयत अचानक से खराब हो गई और दुर्भाग्यवश उनका निधन हो गया। राजेश अपने पिता के पार्थिव शरीर को लेकर खमेरा लौटे और उनका अंतिम संस्कार किया। उसी शाम उदयपुर से फ्लाइट लेकर वह दिल्ली पहुंचे। अगले दिन नम आंखों से शौर्य चक्र प्राप्त किया। राजेश पंचाल को यह वीरता पुरस्कार नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान अद्वितीय नेतृत्व और साहस के लिए प्रदान किया गया।
इस ऑपरेशन में उन्होंने न केवल नक्सलियों की भारी गोलाबारी का जवाब दिया बल्कि गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद भी दुश्मनों को मार गिराया। इतना ही नहीं, अपने घायल साथियों को संभाला भी। इस मुठभेड़ में वह भी घायल हो गए, उनके हाथ में गोली लग गई। वहीं, उनके एक साथी की छाती में गोली लग गई थी। फिर भी सभी ने मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया। राजेश पंचाल की इस वीरता की कहानी बांसवाड़ा में एक मिसाल बन गई। उनके इस समर्पण को पूरे क्षेत्र में गौरवान्वित किया जा रहा है। पूरे जिले में पंचाल के पराक्रम की चर्चा हो रही है।