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Lok Sabha Election: राजसमंद सीट को लेकर बीजेपी की बढ़ी टेंशन, ये हैं वजह

जयपुर: लोकसभा चुनाव के पहले फेज की वोटिंग प्रदेश के 12 लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को संपन्न हुई तो दूसरे फेज में प्रदेश के शेष 13 सीटों पर मतदान होना है। यह मतदान 26 अप्रैल को होगा। इस बीच बीजेपी की टेंशन बढ़ती हुई नजर आ रही है। बता दें कि राजस्थान की वह […]

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BJP's tension increased regarding Rajsamand seat
  • April 23, 2024 7:38 am IST, Updated 10 months ago

जयपुर: लोकसभा चुनाव के पहले फेज की वोटिंग प्रदेश के 12 लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को संपन्न हुई तो दूसरे फेज में प्रदेश के शेष 13 सीटों पर मतदान होना है। यह मतदान 26 अप्रैल को होगा। इस बीच बीजेपी की टेंशन बढ़ती हुई नजर आ रही है। बता दें कि राजस्थान की वह सीट जो 2008 के बाद अस्तित्व में आई, वहां इस बार चौथी बार चुनाव होने जा रहा है। यह सीट है राजसमंद लोकसभा सीट, जिसको लेकर भाजपा की टेंशन बढ़ी हुई है।

बीजेपी इस सीट पर मान चुकी है जीत सुनिश्चित

राजस्थान में भाजपा के लिए इस लोकसभा चुनाव में सबसे सुरक्षित सीट कहे जाने वाले राजसमंद लोकसभा सीट है। क्योंकि लोकसभा की 8 विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है. ऐसे में कांग्रेस भी इस सीट पर लगातार संघर्ष करते हुए दिख रही है। ऐसे में इस सीट पर बीजेपी की टेंशन बढ़ती जा रही है। हालांकि इसका फैसला जनता करेगी।

इस सीट पर राजपरिवार का मान रखने का सिलसिला

बता दें कि 2009 में अस्तित्व में आई राजसमंद सीट , जहां एक बार कांग्रेस और दो बार बीजेपी उम्मीदवार जीत अपने नाम की थी। हालांकि इस सीट को राजपूतों का गढ़ बताया गया है। ये तीनों की जाती भी राजपूत हैं। इस बार हो रहे लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी से महिमा विशेश्वर सिंह और कांग्रेस से डॉ. दामोदर गुर्जर मैदान में उतरे हैं। वहीं इस सीट पर स्थानीय मुद्दे कई है लेकिन यहां मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार की बहु का मान रखने का सिलसिला ही अलग है। ऐसे में इस सीट पर पूर्व राजघराने और किसानों के बीच मुकाबला बढ़ता ही जा रहा है।

इस सीट पर कांटे का टक्कर

इस बार हो रहे लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इस सीट पर राष्ट्रीय मुद्दों और मोदी फैक्टर को आगे रखा है। वहीं मेवाड़ के राजघराने से होने से इस सीट पर राजपूतों के साथ-साथ रावत, ब्राह्मण वर्ग की पकड़ है। हालांकि इस सीट पर इस बार हो रहे लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस अलर्ट है। वहीं इस लोकसभा सीट पर बीजेपी के आठ विधायक हैं। जिस वजह से बीजेपी इस सीट को लेकर अपनी जीत सुनिश्चित मान चुकी है। लेकिन इस बार का मुकाबला दोनों पार्टी के बीच आमने-सामने का बना हुआ है।

पहले फेज की वोटिंग के बाद बीजेपी अलर्ट

बता दें कि भाजपा को यहां कांग्रेस से अधिक पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की उदासीनता से मिल रही है। इस सीट पर जमीनी स्तर पर बीजेपी के नेता शांत बैठे हैं, बड़े नेताओं का दौर लगातार जारी है। इसके बावजूद ग्राउंड लेवल पर स्थानीय नेता चुप्पी साध कर बैठे है। लोकसभा चुनाव के लिए पहले फेज की वोटिंग 19 अप्रैल को संपन्न हुई, जिसके बाद बीजेपी अधिक अलर्ट हो चुकी है। इस वजह से प्रदेश के मुखिया भजनलाल शर्मा राजसमंद में कार्यकर्ताओं की बैठक लेने पहुंचे.


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