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Rajasthan Election 2023: राजस्थान में खुलेआम उड़ी आचार संहिता की धज्जियां

जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के तारीख की घोषणा 9 अक्टूबर (सोमवार) को हो गई है. ऐसे में प्रदेशभर में चुनावी तिथि की घोषणा के साथ ही आचार संहिता को भी लागू कर दिया गया है. बता दें कि राजस्थान में 23 नवंबर को मतदान होगा और चुनावी परिणाम 3 दिसंबर को जारी किया जाएगा। […]

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Code of conduct openly flouted
  • October 11, 2023 11:32 am IST, Updated 1 year ago

जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के तारीख की घोषणा 9 अक्टूबर (सोमवार) को हो गई है. ऐसे में प्रदेशभर में चुनावी तिथि की घोषणा के साथ ही आचार संहिता को भी लागू कर दिया गया है. बता दें कि राजस्थान में 23 नवंबर को मतदान होगा और चुनावी परिणाम 3 दिसंबर को जारी किया जाएगा। ऐसे में पूरे जिले में पुलिस की तैनाती भी जबरदस्त ढंग से कर दी गई है लेकिन एक ख़बर सामने आ रही है जिसमे आचार संहिता की धज्जियां बहुत बारीकी से उड़ाया जा रहा है. बताया गया है कि एक कांग्रेस कार्यकर्ता जब कांग्रेस कार्यालय पहुंचे तब उनके सम्मान में गाना-बजाना शुरू कर दिया गया।

आचार संहिता का उल्लंघन

आपको बता दें कि जब तेजाजी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष रिछपाल मिर्धा नागौर कांग्रेस भवन पहुंचे तो उस दौरान उनके सम्मान में डीजे बजा दिया गया। जिसकी सूचना पुलिस को मिली फिर प्रशासन ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी। बता दें कि उनके काफिला से गाना- बजाना वाली यंत्र को पुलिस ने जब्त करने का प्रयास किया और इसे आचार संहिता का पालन नहीं करने के सिलसिले से बंद करवाया, लेकिन डेगाना विधायक मिर्धा एवं उनके कार्यकर्ताओं द्वारा इसका जमकर विरोध किया गया।

उच्चाधिकारियों से बात

आचार संहिता उल्लंघन करने के दौरान रिछपाल मिर्धा व विधायक ने जिले के उच्च अधिकारियों से बात की। हालांकि बता दें मौके पर तैनात वृत्ताधिकारी को निर्देश दिया गया कि डीजे और गाना-बजाने की यंत्र को जल्द से जल्द छोड़ दिया जाए। हालांकि यह ड्रामा काफी देर तक चली और आखिर यही हुआ पुलिस को उन्हें डीजे लौटना पड़ा। जिसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ता डीजे की म्यूजिक पर खूब नाचे।

प्रदेश में चुनावी माहौल

राजस्थान में पूरी तरह से चुनावी माहौल देखा जा रहा है किन्तु जगह-जगह पर पुलिस की तैनाती के बावजूद भी आचार सहिंता का उल्लंघन साथ में देखा जा रहा है. बता दें की राज्य में आचार संहिता का सुचारु रूप से पालन नहीं करने वाले पर सख्त करवाई करने का आदेश चुनाव आयोग द्वारा दी गई हैं। ऐसे में अगर आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा है तो पूरी लापरवाही प्रशासन को जाता है. इसलिए इनसभी के बीच प्रशासन अब पूरी तरह से अलर्ट होकर अपना ड्यूटी करने के लिए चुनावी मैदान में तैयार है.


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