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Rajasthan Election: सतीश पूनिया को लगा हार से झटका, आमेर से चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान

जयपुर। राजस्थान में इस बार भी हर 5 साल के बाद सरकार बदलने का रिवाज कायम रहा। सीएम गहलोत ने फिर से कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए सरकार की तिजोरी खोल दी लेकिन इसके बावजूद रिवाज बदलने में नाकाम रहे। बीजेपी ने राज्य में शानदार प्रदर्शन करते हुए 115 सीटें अपनी झोली में डाल […]

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  • December 4, 2023 11:28 am IST, Updated 1 year ago

जयपुर। राजस्थान में इस बार भी हर 5 साल के बाद सरकार बदलने का रिवाज कायम रहा। सीएम गहलोत ने फिर से कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए सरकार की तिजोरी खोल दी लेकिन इसके बावजूद रिवाज बदलने में नाकाम रहे। बीजेपी ने राज्य में शानदार प्रदर्शन करते हुए 115 सीटें अपनी झोली में डाल ली। वहीं इस चुनाव में कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा। इसमें बीजेपी के उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया का नाम भी शामिल हैं।

जनता का निर्णय स्वीकार

बता दें कि सतीश पूनिया आमेर विधानसभा से चुनावी मैदान में थे। अपनी हार से दुखी होकर उन्होंने भविष्य में आमेर से चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है। अपनी हार पर सोमवार को उन्होंने कहा कि राम राम सा। लोकतंत्र में जनता जनार्दन होती है, मैं आमेर की जनता के निर्णय को स्वीकार करता हूँ और कांग्रेस के विजयी प्रत्याशी प्रशान्त शर्मा जी को बधाई देता हूँ, आशा करता हूँ कि वो आमेर के विकास को यथावत गति देते रहेंगे और जन भावनाओं का सम्मान करेंगे।

लोगों को समझाने में रहा विफल

उन्होंने एक्स पर आगे लिखा कि आमेर से मेरा रिश्ता दस बरसों से है, 2013 में पार्टी के निर्देश पर चुनाव लड़ने आया था, चुनाव में मात्र 329 वोटों की हार हुई लेकिन भाजपा की सरकार के दौरान हमने यहाँ विकास को मुद्दा बनाकर काम किया, हालाँकि लोग कहते हैं कि यहाँ बड़ी बड़ी जातियों का बाहुल्य है और जातियों के इस जंजाल में जाति से ऊपर उठकर कोई विकास की सोचें थोड़ा मुश्किल है, 2013-2018 में हमने कोशिश की,थोड़ा सफल हुए,विकास कार्यों से लेकर कोरोना के दौरान सेवाकार्यों से लोगों में भरोसा पैदा करने की कोशिश की थी लेकिन शायद लोगों को समझाने में हम विफल रहे।

अब नहीं लडूंगा चुनाव

उन्होंने अपना दुःख प्रकट करते हुए लिखा कि माना कि चुनाव में हार जीत एक सिक्के के दो पहलू हैं लेकिन आमेर की यह हार मेरे लिए सोचने पर मजबूर करने वाली है। एक आघात जैसी है, हमने सपने देखे थे कि आमेर इस बार रिवाज बदलेगा और हम मिलकर सरकार के माध्यम से कार्यकर्ताओं का सम्मान और जनता का बेहतरीन काम करके इसे आदर्श विधानसभा क्षेत्र बनाएँगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ,यह समय मेरे लिए कठिन परीक्षा की घड़ी जैसा है परन्तु परिस्थितियों और मनोवैज्ञानिक रूप से मैं यह निर्णय करने के लिए मजबूर हूँ कि मैं अब भविष्य में आमेर क्षेत्र के लोगों और कार्यकर्ताओं को सेवा और समय नहीं दे पाऊँगा, पार्टी नेतृत्व को भी मैं अपने निर्णय से अवगत करवाकर आग्रह करूँगा कि यहाँ कि समस्याओं के समाधान के लिए योग्य व्यक्तियों की नियुक्ति करें, साथ ही एक लंबे अरसे से पार्टी संगठन को पूरा समय देने के कारण पारिवारिक कामों से दूर रहा हूँ, अत: अब मैं कुछ समय अपने पारिवारिक कामों को पूरा करने में लगाऊँगा, ईश्वर मुझे शक्ति दे।


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