जयपुर। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पर कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर दर्ज एफआईआर के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया है। दरअसल, कुणाल कामरा ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। याचिका में बताया मौलिक […]
जयपुर। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पर कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर दर्ज एफआईआर के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया है। दरअसल, कुणाल कामरा ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है।
कुणाल कामरा ने याचिका में कहा कि एफआईआर संविधान में दिए गए उनके मौलिक अधिकारों का हनन है। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) (भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार), 19 (1) (जी) (किसी भी पेशे और व्यवसाय का अभ्यास करने का अधिकार) और 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) के तहत गारंटीड मौलिक अधिकारों का हवाला देते हुए अपने ऊपर कार्रवाई पर रोक लगाकर एफआईआर को रद्द करने की मांग की है।
हाई कोर्ट की वेबसाइट के अनुसार मामला सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हो गया है. याचिका पर सुनवाई 21 अप्रैल को न्यायमूर्ति सारंग वी. कोतवाल और श्रीराम एम. मोडक की पीठ करेगी. विदित हो कि मुंबई पुलिस द्वारा कामरा को पूछताछ के लिए तीन समन भेजा जा चुकाहै. लेकिन कामरा अभी तक एकबार भी पुलिस के सामने नहीं आए हैं। कुणाल कामरा को मद्रास हाई कोर्ट से पहले ही राहत मिल चुकी है। कोर्ट ने 7 अप्रैल तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए अग्रिम जमानत दी है।
यह पूरा मामला खार स्थित हैबिटेट स्टूडियो में हुए एक शो के दौरान एकनाथ शिंदे और अन्य नेताओं के ऊपर की गई टिप्पणी से जुड़ा हुआ है। कुणाल कामरा ने अपने एक कॉमेडियन शो में एकनाथ शिंदे का नाम लिए बिना उन पर तंज कसा था। उन्होंने फिल्म दिल तो पागल है के एक गाने को बदलकर संशोधित संस्करण में ‘गद्दार’ शब्द का उपयोग किया था। साथ ही, उन्होंने शिंदे के उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत करने पर भी मजाक उड़ाया था।
इस टिप्पणी से नाराज शिवसेना विधायक मुरजी पटेल ने कॉमेडियन के खिलाफ शिकायत दर्ज कर दी थी। इसके बाद मुंबई पुलिस ने कुणाल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 353(1)(बी) और 356(2) के तहत एफआईआर दर्ज कर ली थी।