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अरदास से शुरू हुई राघव-परी की शादी की रस्में, जानिए इसका महत्त्व

जयपुर। 24 सितंबर को राघव और परिणीति चोपड़ा और आम आदमी पार्टी के लीडर राघव चड्डा की वेडिंग सेरिमनी बुधवार को अरदास के साथ शुरू हो गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शादी की सारी रस्में उदयपुर के 5 स्टार होटल ताज पैलेस और लीला पैलेस में पूरी होनी है. परी और राघव की प्री […]

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Parineeti and Raghav Chadha
  • September 21, 2023 10:59 am IST, Updated 1 year ago

जयपुर। 24 सितंबर को राघव और परिणीति चोपड़ा और आम आदमी पार्टी के लीडर राघव चड्डा की वेडिंग सेरिमनी बुधवार को अरदास के साथ शुरू हो गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शादी की सारी रस्में उदयपुर के 5 स्टार होटल ताज पैलेस और लीला पैलेस में पूरी होनी है.

परी और राघव की प्री वेडिंग

अरदास शब्द का अर्थ विनम्र सेवक। यह अर्ज+ दास शब्द से मिलकर बना है. अरदास वाहे गुरु से की जाने वाली एक निर्धारित प्रार्थना होती है. अरदास करते समय सब हाथ जोड़ कर सर झुकाकर खड़े होते हैं. सिख धर्म का अनुसरण करने वालों के लिए इसका हिस्सा बनना अथवा इसका पाठ करना जरूरी माना जाता है.

अरदास कब किया जाता है ?

आमतौर पर सिख धर्म को मानने वाले लोग तीन समय पर अरदास जरूर करते है. सबसे पहले नितनेम के बाद फिर कोई काम शुरू करने से पहले वाहे गुरु का आशीर्वाद पाने के लिए, सफलता या ख़ुशी के लिए वाहे गुरू का धन्यवाद करने के लिए. अरदास किया जाता है.अरदास से शादी का धार्मिक महत्त्व शुरू हो जाता है और इसके बाद ही शादी की रस्में शुरू हो जाती है. अरदास एक प्रार्थना है, इसलिए इसे शादी जैसे शुभ काम को शुरू कारण से पूर्व गुरूजी का आशीर्वाद पाने के के लिए किया जाता है. साथ ही इस तरह प्रार्थना करके इस खुशी और शुभ मौके के लिए गुरू को धन्यवाद किया जाता है.


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