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dhumavati jayanti: आज है धूमावती जयंती, जानिए क्यो महादेव ने अपनी ही पत्नी को दिया श्राप?

जयपुर। इस साल धूमावती जयंती 14 जून यानि आज के दिन मनाई जाती है। धूमावती मां पार्वती का ही एक रूप है। मां धूमावती के हाथ में तलवार देखी जा सकता है। धूमावती देवी के बाल बिखरे हुए होते है। देवी का यह रूप काफी भयानक और रौद्र है। मां धूमावती की पूजा से पापियों […]

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dhumavati jayanti: Today is Dhumavati Jayanti, know why Mahadev cursed his own wife?
  • June 14, 2024 11:56 am IST, Updated 8 months ago

जयपुर। इस साल धूमावती जयंती 14 जून यानि आज के दिन मनाई जाती है। धूमावती मां पार्वती का ही एक रूप है। मां धूमावती के हाथ में तलवार देखी जा सकता है। धूमावती देवी के बाल बिखरे हुए होते है। देवी का यह रूप काफी भयानक और रौद्र है। मां धूमावती की पूजा से पापियों और राक्षसों का नाश होता है।

मां धूमावती की पूजन विधि

हर साल ज्येष्ठ के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मां धूमावती की जयंती के रूप में मनाया जाता है।इनकी अराधना से व्यक्ति के जीवन की विपत्ति, रोग और अन्य कई समस्याए दूर हो जाती है। लेकिन मां धूमावती की पूजा सुहागिन महिलाओं को नहीं करनी चाहिए। धूमावती जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लेना चाहिए। स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहन लें। देवता को अर्घ्य अर्पित करें। गंगाजल से पूरे घर को पवित्र करें। मां धूमावती की पूजा करें जिसमें सफेद फूल और सफेद रंग के कपडे अर्पित करें। अपने पूजा में अक्षत, धतूरा, शहद, फल, चंदन, कपूर, नारियल, कुमकुम, आक, दूर्वा, सुपारी और पंचमेवा जरूर शामिल करें।

मां धूमावती की पौराणिक कथा

मां धूमावती की कई पौराणिक कथाएं चर्चित है। इनमें से मुख्य महादेव और देवी पार्वती की एक कथा है। इस पौराणिक कथा में एक बार देवी पार्वती ने महादेव से अपने लिए खाने की व्यवस्था करने को कहा था। लेकिन जब तक महादेव देवी पार्वती के खाने की व्यवस्था कर पाते। उनकी भूख से सब्र का बांध टूट जाता हैं। देवी पार्वती क्रोधित हो जाती है। उन्होंने भूख से व्याकुल होकर अपने ही पति महादेव को निगल लेती है। परंतु महादेव के गले में जहर होने के कारण वह महादेव को अपने गले से नीचे नहीं निगल पाती हैं। उनके शरीर से धुंआ निकलने लगता है और उनका रूप रौद्र हो जाता हैं। देवी-देवताओं के कहने पर देवी पार्वती ने महादेव को मुक्त किया। मुक्त होने के बाद क्रोध में आकर महादेव ने देवी पार्वती को वृद्ध विधवा होने का श्राप दिया था।


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