जयपुर : ज्येष्ठ पूर्णिमा ज्येष्ठ माह में मनाया जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा का अपना एक अलग महत्व है। ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि को हिंदू धर्म में सबसे शुभ तिथियों में से एक बताई गई है. इस तिथि पर भगवान चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण दिखते हैं. इसके साथ ही पूर्णिमा तिथि […]
जयपुर : ज्येष्ठ पूर्णिमा ज्येष्ठ माह में मनाया जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा का अपना एक अलग महत्व है। ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि को हिंदू धर्म में सबसे शुभ तिथियों में से एक बताई गई है. इस तिथि पर भगवान चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण दिखते हैं. इसके साथ ही पूर्णिमा तिथि पर भगवान चंद्रमा की किरणें धरती पर पहुंच कर समृद्धि और सौभाग्य बढाती हैं. इस तिथि पर स्नान और दान-धर्म करना अति पुण्यदायी बताया गया है. ऐसे में इस अवसर पर अगर आप कुछ विशेष उपाय करते हैं तो आपके जीवन में आएं सभी परेशानी नस्ट हो जाएंगे। तो आइए जानते हैं उन उपायों को।
हिंदू पंचांग के मुताबिक, इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा की शुरुआत 21 जून 2024 को सुबह 6:1 बजे से होगी. वहीं, इसका समापन 22 जून 2024 को सुबह 5:7 मिनट पर होगा. ऐसे में इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा का उपवास 21 जून, शुक्रवार को रखा जाएगा. इसके साथ ही स्नान-दान 22 जून, शनिवार के दिन करना शुभ बताया गया है।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, ज्येष्ठ पूर्णिमा पर एक लोटे में पानी भर कर उसमें कच्चा दूध और पतासा डालकर पीपल के पेड़ को चढाने से व्यक्ति का फंसा धन वापस मिल जाता है और उसे कार्य क्षेत्र में भी लाभ मिलता है .
यदि आपकी कोई इच्छा पूरी नहीं हो रही है, तो आपको ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन चंद्र देव की पूजा -अर्चना करनी चाहिए और दूध में शहद और चंदन मिलाकर चंद्रमा को जल अर्पित करना चाहिए. कहा जाता है कि इस उपाय को करने से आपकी मनोकामनाएं पूरी होती है।
अगर आपको मेहनत करने के बावजूद सफलता हाथ नहीं लग रही है, तो जातक ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि पर लाल रंग के कपड़े में सवा किलो चावल रखे और इसे अपनी तिजोरी में रख दें. इससे आपके घर के अंदर से दरिद्रता खत्म हो जाएगी।