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Holika Dahan 2024: होलिका दहन आज, जानें सही मुहूर्त और पूजा विधि

जयपुर। होली हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। होली से एक दिन पहले होलिका दहन होता है, जो इस साल 24 मार्च यानी आज रविवार को मनाया जाएगा. यह पर्व भगवान विष्णु के भक्त प्रहलाद को समर्पित है। इस दिन को लेकर लोगों के अपने-अपने विचार हैं। कहा जाता है कि […]

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Holika Dahan today
  • March 24, 2024 3:26 am IST, Updated 11 months ago

जयपुर। होली हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। होली से एक दिन पहले होलिका दहन होता है, जो इस साल 24 मार्च यानी आज रविवार को मनाया जाएगा. यह पर्व भगवान विष्णु के भक्त प्रहलाद को समर्पित है। इस दिन को लेकर लोगों के अपने-अपने विचार हैं। कहा जाता है कि होलिका दहन से पहले मुहूर्त देखना बहुत जरूरी है क्योंकि इसके बिना यह त्योहार पूरा नहीं होगा. तो आईए जानते हैं पूजा के नियमों के बारे में ।

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

इस साल होलिका दहन कुछ समय के लिए भद्रा काल के साये में रहेगा और 24 मार्च दिन रविवार रात 11:13 बजे तक रहेगा. ऐसे में होलिका दहन का सबसे अच्छा समय रात 11:14 बजे से 12:20 बजे के बीच है। इस दौरान बिना किसी परेशानी के होलिका दहन किया जा सकता है.

इस तरह मनाएं होलिका दहन

होलिका दहन की पूजा से पहले पवित्र स्नान करें।

स्नान के बाद जहां होलिका दहन की पूजा कर रहे हो, वहां पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं।

पूजा के लिए गाय के गोबर से होलिका और प्रहलाद की प्रतिमा बनाएं।

इसके बाद रोली, अक्षत, फूल, फूलों की माला, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी,मूंग, बताशे, गुलाल नारियल, 5 प्रकार के अनाज और एक लोटे में पानी रख लें।

फिर इन चीजों से विधि अनुसार करें पूजा

फल, गुझिया, मीठी पूरी आदि का भोग लगाएं।

इसके साथ ही भगवान नरसिंह की भी पूजा विधि-विधान के साथ करें।

अंत में अपनी मनोकामनाओं को होलिका दहन के समक्ष कहें।

दिन भर के शुभ मुहूर्त

होलिका दहन के दिन पड़ने वाले शुभ मुहूर्त की बात करें तो दिन भर में पड़ने वाले शुभ, लाभ और अमृत मुहूर्त काफी अच्छे होने वाले हैं।

लाभ – सुबह 9:24 से 10:56 तक
अमृत – सुबह 10:56 से दोपहर 12:00 का 27 मिनट तक
शुभ – दोपहर 1: 59 से 3:31 तक

ऐसे करें होलिका दहन

होलिका दहन सूर्यास्त के बाद किया जाता है। इस दिन लोग होलिका जलाते हैं और मंत्रों का जाप करने के साथ पारंपरिक लोकगीत भी गाते हैं। होलिका दहन से पूर्व होली पर रोली, अक्षत, फूल कच्चे सूत का धागा, मूंग दाल, बताशा, हल्दी के टुकड़े, नारियल और गुलाल चढ़ाकर पूजा की जाती है। इसके पश्चात हाथों में जल लेकर होलिका की परिक्रमा की जाती है। इस दौरान घर परिवार की सुख समृद्धि की कामना भी की जाती है।


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