जयपुर। 11 मार्च को चांद का दीदार होते ही रमजान का पाकीजा महीना शुरु हो जाएगा। ऐसे में राजस्थान की राजधानी गुलाबी नगरी जयपुर में रमजान की रौनक अभी से ही दिखना शुरू है। हालांकि दो दिन बाद चांद का दीदार होते ही रहमतों और बरकतों का महीना रमजान आरंभ होगा। ऐसे में मुसलमान 30 […]
जयपुर। 11 मार्च को चांद का दीदार होते ही रमजान का पाकीजा महीना शुरु हो जाएगा। ऐसे में राजस्थान की राजधानी गुलाबी नगरी जयपुर में रमजान की रौनक अभी से ही दिखना शुरू है। हालांकि दो दिन बाद चांद का दीदार होते ही रहमतों और बरकतों का महीना रमजान आरंभ होगा। ऐसे में मुसलमान 30 दिनों तक उपवास करते हैं, जिसका सख्ती से पालन किया जाता है।
बता दें कि रमजान से पहले ही राजधानी जयपुर के बाजारों में खरीददारों की भीड़ जुट रही हैं। हालांकि रमजान शुरू होने में अभी दो दिन बाकी है, लेकिन जयपुर में अभी से लोग विशेषकर मुस्लिम बाहुल्य बाजारों में टोपी, खजूर और इत्र की जमकर खरीददारी चल रही है। ऐसे में सभी लोगों को रमजान का इंतजार बेसब्री से रहता है।
जयपुर के परकोटे में रामगंज बाजार में रमजान को देखते हुए सभी दुकानें सजने लगी हैं। ऐसे में रमजान के पवित्र महीने में राजघानी जयपुर पूरी तरह से सजने वाली है। बाजारों में खजूर के अलावा टोपी, सुरमे एवं इत्र की भी डिमांड बढ़ गई है। इसको देखते हुए डिमांड की भरपाई के लिए लगातार इंतजाम किया जा रहा है।
रमज़ान में रोज़े रखना बहुत ज़रूरी है. इस महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक कुछ भी नहीं खाते-पीते हैं। इसके बाद वे पानी के साथ खजूर खाकर अपना रोजा खोलते हैं। इफ्तार इस पवित्र महीने में एक शानदार उत्सव है जहां परिवार के सभी सदस्य और करीबी दोस्त मौजूद होते हैं। हालांकि, यह व्रत उन लोगों के लिए कम महत्वपूर्ण है जिनकी तबीयत ठीक नहीं है या जो यात्रा कर रहे हैं।
रमज़ान मुसलमानों के लिए परहेज़ का महीना है। यह उपवास की वह अवधि है जब विचारों से लेकर कार्यों तक व्यक्ति के आत्म-नियंत्रण की परीक्षा होती है। ऐसा माना जाता है कि प्रतिबंध हर व्यक्ति की ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करते हैं। इस्लाम में रमज़ान का महीना मुसलमानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
रमज़ान के 30 दिनों को तीन हिस्सों में बांटा गया है. पहले दस दिन रहमत के होते हैं, अगले दस दिन आशीर्वाद के होते हैं और तीसरे या आखिरी दस दिन मगफिरत के होते हैं, जो रोजेदारों के लिए बहुत खास समय होता है। इस दौरान दुआ, जकात, भिक्षा आदि का बहुत महत्व होता है।