जयपुर। आज 12 मार्च से इस्लाम धर्म का सबसे पवित्र माह रमजान शुरू हो गया है। देश भर में रमजान का पहला रोजा आज से रखा गया है। इस माह में मुस्लिम भाई पुरे एक माह तक रोजा रखते है। ऐसे में राजस्थान के इस्लाम भाइयों ने माहे रमजान उल मुबारक के चांद के दीदार […]
जयपुर। आज 12 मार्च से इस्लाम धर्म का सबसे पवित्र माह रमजान शुरू हो गया है। देश भर में रमजान का पहला रोजा आज से रखा गया है। इस माह में मुस्लिम भाई पुरे एक माह तक रोजा रखते है। ऐसे में राजस्थान के इस्लाम भाइयों ने माहे रमजान उल मुबारक के चांद के दीदार के लिए मुस्लिम भाई, बहनें सहित नन्हे-मुन्ने बच्चे अपने घरों की छतों पर सोमवार 11 मार्च को नजर आए और सभी ने चांद का दीदार करते हुए रमजान की मुबारकबाद एक दूसरे को दी।
पश्चिम राजस्थान समेत देशभर में 12 मार्च से रमजान का पवित्र माह शुरू हो चुका है. बता दें कि चांद का दीदार होने के साथ ही रमजान माह का आगाज हो गया है. सोमवार की शाम चांद दिखते ही देश भर में उत्साह का माहौल देखा गया. इस्लाम भाइयों के घरों में रोजा रखने की तैयारी शुरू हो गई है। वहीं सोमवार रात से मस्जिदों में तरावीह भी जारी है. माना जाता हैं कि रमजान का माह बहुत ही रहमतों और बरकतों का माह है. इस महीने में एक नेकी के बदले 70 नेकियों के बराबर सफलता मिलती है.
देश भर के इस्लाम भाइयों ने 11 मार्च देर रात चांद का दीदार करते हुए रमजान एक दूसरे को मुबारकबाद दिया। ऐसे में आज से रमजान का पहला रोजा रखा गया है। वहीं सोमवार देर रात देश भर के मुस्लिम भाइयों ने रोजे की नियत से मस्जिदों में तरावीह की नवाज अदा की। देर रात तक मुस्लिम भाई-बहनें ने अपने घरों में कुरान ए पाक की तिलावत करते हुए मुल्क की खुशहाली, अमनो-अमन व आपसी भाईचारे की दुआएं करते हुए अकीदत अल्लाह से पेश की है.
जामा मस्जिद के पेश इमाम मौलाना हाजी लाल मोहम्मद सिद्दीकी के अनुसार रमजान का पहला रोजा 12 मार्च यानी आज सुबह शुरू हुआ, जिसकी खत्म सहरी का समय सुबह 5.35 बजे था और रोजा इफ्तारी का समय शाम 6 बजकर 54 मिनट होगा. ऐसे में मुस्लिम इंतजामिया कमेटी के सदर मोहम्मद मंजूर कुरैशी ने माहे रमजान की आमद की मुबारकबाद पेश करते हुए अकीदत एवं एहतराम के साथ माहे रमजान मनाने की अपील की है.
इमाम वाहिदउज्जमा कासमी ने इस पर कहा कि इस्लाम में 13 से 14 उम्र के बच्चे बालिग हो जाते हैं. यह रोजा रख सकते हैं. वहीं इसके नीचे के बच्चे अगर रोजा रखते हैं तो इसका सबाब उनके पिता को जाता है.