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Vat Savitri Vrat 2024: वट सावित्री व्रत कब? जानें क्या है शुभ मुहूर्त

जयपुर: भारत त्यौहरों का देश है। यहां हर रोज किसी न किसी व्रत-त्यौहार को मनाया जाता है। (Vat Savitri Vrat 2024) ऐसे में कुछ जगहों पर वट सावित्री व्रत बहुत ही क्ष्रद्धा भाव के साथ मनाया जाता है। इस व्रत को सुहागिन महिला बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाती है। इस त्यौहार को जेष्ट कृष्ण […]

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वट सावित्री व्रत
  • May 13, 2024 10:11 am IST, Updated 10 months ago

जयपुर: भारत त्यौहरों का देश है। यहां हर रोज किसी न किसी व्रत-त्यौहार को मनाया जाता है। (Vat Savitri Vrat 2024) ऐसे में कुछ जगहों पर वट सावित्री व्रत बहुत ही क्ष्रद्धा भाव के साथ मनाया जाता है। इस व्रत को सुहागिन महिला बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाती है। इस त्यौहार को जेष्ट कृष्ण पक्ष के अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. इस साल इस पर्व को 6 जून दिन गुरुवार को मनाया जाएगा.

सत्यवान सावित्री की कथा से संबंध

मान्यताओं के अनुसार इस त्यौहार का संबंध पौराणिक सत्यवान सावित्री की कथा से जुड़ी हुई है. कथा के अनुसार सावित्री ने अपने चलाकी और धर्म के जरिए यमराज से लड़कर अपने पति सत्यवान की जिंदगी वापस ली थी. इस कारण से यह त्यौहार बहुत प्रचलित है और इस पर्व को उस दिन से सभी सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निश्चित तौर पर इस दिन उपवास रख कर बड़े ही विधि विधान से बड़गड़ के पेड़ की पूजा करती है.

इस पर्व को लेकर पंडितों ने कहा

हिंदू धर्म में महिलाएं अपने पति के लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखती रहती है. ऐसे में महिलाएं वट सावित्री व्रत भी व्रत, सौभाग्य पाने के लिए रखती है. इस त्यौहार को लेकर पंडितों का मानना है कि यह त्यौहार जेष्ट महीने के कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. वहीं इस बार वट सावित्री व्रत 6 जून दिन गुरुवार को मनाया जाएगा. वहीं इस दिन उपवास रखने से सुखद जीवन और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

हिंदू धर्म में की जाती है वटवृक्ष की पूजा

कुछ पंडितों का मनना है कि हिंदू धर्म में वटवृक्ष की पूजा की जाती है. धर्मशास्त्र की माने तो वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों भगवान वास करते है. बरगद के तने में भगवान विष्णु का वास होता है तो जड़ में ब्रह्मदेव का जगह है. शाखोंओ में भगवान शिव रहते है. वट की लटकती शाखों को मान्यताओं के अनुसार सावित्री स्वरूप माना जाता हैं. इसलिए पूरा पेड़ पूजा योग्य माना गया है। वहीं वट वृक्ष लंबे वक्त तक अक्षय रहता है. इसलिए इसे अक्षयवट भी कहा जाता हैं. इसी वजह से हिंदू धर्म में इस वृक्ष की पूजा की जाती है और वट सावित्री व्रत पर इस वृक्ष की पूजा सुहागिन महिलाएं करती है, साथ ही अपने पति की दीर्घायु की कामना करती हैं.


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