जयपुर : आयकर नियमों और विनियमों के मुताबिक, भारत के हर नागरिक को अपनी आय पर सरकार को टैक्स का भुगतान करना अनिवार्य है। इस कर देश के विकास और बुनियादी सेवाओं के लिए अहम माना जाता है। टैक्स से सरकार को जरुरी वित्तीय संसाधन मिलते हैं जो देश की तरक्की और कल्याण में सहायक […]
जयपुर : आयकर नियमों और विनियमों के मुताबिक, भारत के हर नागरिक को अपनी आय पर सरकार को टैक्स का भुगतान करना अनिवार्य है। इस कर देश के विकास और बुनियादी सेवाओं के लिए अहम माना जाता है। टैक्स से सरकार को जरुरी वित्तीय संसाधन मिलते हैं जो देश की तरक्की और कल्याण में सहायक होते हैं। फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तिथि 31 जुलाई 2024 है। अगर आप भी वेतनभोगी हैं और आप आयकर विभाग के नियमों के अनुसार टैक्स स्लैब की लिस्ट में शामिल हैं तो 31 जुलाई से पहले-पहले अपना ITR जरूर फाइल करें।
इनकम टैक्स रिटर्न एक ऐसा फॉर्म है जिसमें एक युवक, अपनी इनकम और उस पर लगने वाले कर की पूर्ण विवरण देता है। इसके माध्यम से एक युवक सरकार को किसी भी फाइनेंशियल ईयर (जैसे 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक) की अपनी कमाई का विवरण और उस पर लगाए गए कर का भुगतान करता हैं। इसमे सैलरी के माध्यम से की गई कमाई, किसी बिजनेस या प्रोफेशन के माध्यम से की गई कमाई, हाउस प्रॉपर्टी के माध्यम से इनकम, कैपिटल गेन्स के माध्यम से कमाई, लॉटरी, रॉयल्टी कमाई , डिविडेंड, डिपॉजिट पर ब्याज आदि से की गई इनकम इसके दायरे में आते है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक आईटीआर फॉर्म 7 प्रकार के होते हैं। ITR-1, ITR-2, ITR-3, ITR-4, ITR-5, ITR-6, ITR-7। किसी युवक को कौन सा फॉर्म भरना होगा यह इनकम और उसके नेचर पर डिपेंड होगा।
1.व्यक्ति (उम्र 59 साल तक): जिनकी कुल इनकम एक वित्तीय वर्ष में 2.5 लाख रुपये से अधिक है।
2.वरिष्ठ नागरिक (उम्र 60-79 साल): जिनकी कुल आय 3 लाख रुपये से ज्यादा है।
3.अति वरिष्ठ नागरिक (उम्र 80 साल और उससे अधिक): जिनकी कुल इनकम 5 लाख रुपये से ज्यादा है।
4.सभी पंजीकृत कंपनियां: जिनका इनकम हो, चाहे उन्होंने वर्ष के दौरान कोई मुनाफा कमाया हो या नहीं।
5.जो लोग रिफंड क्लेम करना चाहते हैं: यदि आपने आयकर या TDS में ज्यादा भुगतान किया है और इसे वापस पाना चाहते हैं।
6.जो लोग विदेश में संपत्ति या वित्तीय रुचि रखते हैं: यदि आपके पास विदेश में संपत्ति या वित्तीय हिस्सेदारी है।
7.विदेशी कंपनियां: जो भारत में लेन-देन पर संधि के लाभ उठाती हैं।
8.एनआरआई (गैर-निवासी भारतीय): जिनकी एक वित्तीय वर्ष में भारत में आय 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है।