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राजस्थान: प्रदेश में गुरूवार को निकाली गई तिरंगा यात्रा, शहीद दिवस पर सैनिकों को याद करके किया नमन

जयपुर। राजस्थान के अजमेर शहर में गुरुवार को लोगों में देशभक्ति की लहर दिखाई दी. भारी मात्रा में जनता सड़क पर हाथ में तिरंगा लिए देश प्रेम के नारे लगाते हुए तिरंगा मार्च करते दिखाई दिए. शहीद दिवस पर निकाला गया तिरंगा मार्च आपको बता दें कि राजस्थान के अजमेर में बीते कल यानी गुरूवार […]

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Tiranga Yatra
  • March 24, 2023 4:42 am IST, Updated 2 years ago

जयपुर। राजस्थान के अजमेर शहर में गुरुवार को लोगों में देशभक्ति की लहर दिखाई दी. भारी मात्रा में जनता सड़क पर हाथ में तिरंगा लिए देश प्रेम के नारे लगाते हुए तिरंगा मार्च करते दिखाई दिए.

शहीद दिवस पर निकाला गया तिरंगा मार्च

आपको बता दें कि राजस्थान के अजमेर में बीते कल यानी गुरूवार के दिन शहादत दिवस के मौके पर जनता ने एक साथ जुट कर तिरंगा मार्च निकाला। शहीदों को श्रदांजलि अर्पण करने के लिए अखंड तिरंगा यात्रा निकली गई जिसका आयोजन अमरप्रीत सिंह काल ने किया. यात्रा में सभी राजनितिक और सामाजिक दल के लोग शामिल होकर शहीदों को याद किया। तिरंगा रैली के दौरान देशभक्तों ने भारत माता की जय के नारे लगाए। वहीं युवा बाइक रैली लेकर यात्रा में शामिल हुए. जानकारी के मुताबिक तिरंगा यात्रा एग्रीको मैदान से शुरू होकर साकची, आरडी टाटा गोलचक्कर के बाद एग्रीको मैदान पहुंची।

जनता में देशभक्ति की दिखी लहर

बता दें कि गुरूवार को प्रदेश में हर तरफ देशभक्ति के नारे गूंजते दिखाई दिए. देश के लिए समर्पित सेनाओं का सम्मान करते हुए लोगों ने जय जवान के नारे लगाए। हाथों में तिरंगा थामे युवाओं के कदम देशभक्ति गीतों के साथ थिरकने लगे तो वहीं तिरंगे को थामे हर व्यक्ति के जुबां पर भारत माता की जयजयकार का नारा था. इस रैली में जनप्रतिनिधि, अधिकारी, जवान, पूर्व सैनिकों ने अथवा आमजन ने भागीदारी निभाई। तिरंगा मार्च के दौरान लोग शृंगारित ऊंट-घोड़ों पर सवार होकर तिरंगा को थामते हुए दिखाए दिए. वहीं 2100 वर्गमीटर के तिरंगा को हाथों में लोगों ने थामा। रैली मार्ग में कई जगह पुष्पवर्षा के साथ स्वागत किया गया.

क्यों मनाया जाता है शहीद दिवस

23 मार्च के दिन तीन स्वतंत्रता सेनानियों- भगत सिंह, सुखदेव थापर और राजगुरु को अग्रेजों द्वारा फांसी पर चढ़ाया गया था. कम उम्र में देश की सुरक्षा के लिए लड़ने वालें इन जवानों ने अपने प्राण की आहुति दे दी थी. इनकी क्रांति की गाथा आज भी लोग सुना- सुनाया करते हैं. यहीं वजह है कि इन तीनों क्रांतिकारियों को याद कर श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु भारतवासी हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस मानता है.


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