जयपुर। राइट टू हेल्थ बिल को लेकर प्रदेश भर में काफी समय से डॉक्टर्स द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है. ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पूरे राज्य में मरीजों की परेशानी की वजह न तो बिल है, न सरकार बल्कि आरएसएस का धड़ है जो प्रदेश में सक्रिय है. सीएम गहलोत ने […]
जयपुर। राइट टू हेल्थ बिल को लेकर प्रदेश भर में काफी समय से डॉक्टर्स द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है. ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पूरे राज्य में मरीजों की परेशानी की वजह न तो बिल है, न सरकार बल्कि आरएसएस का धड़ है जो प्रदेश में सक्रिय है.
आपको बता दें कि प्रदेश में चल रहे राइट टू हेल्थ बिल के विरोध प्रदर्शन के चलते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बयान देते हुए आरएसएस को कटघरे में खड़ा कर दिया है. मुख्यमंत्री ने दावा करते हुए कहा कि प्रदेशभर में मरीजों की परेशानी की वजह न तो राइट टू हेल्थ बिल है और न ही सरकार बल्कि आरएसएस संगठन है जो इस समय राजस्थान में सक्रिय है. सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े चार- पांच लोग राजस्थान में इस वक्त मौजूद है जो प्रदेश की जनता को गुमराह कर रहे हैं. उन्होंने कहा यह लोग दिल्ली से आए हुए हैं.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राइट टू हेल्थ बिल’ का विरोध प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर्स से हड़ताल खत्म करने की अपील की. उन्होंने कहा कि आरएसएस के कुछ लोग लोगों को भड़का रहे हैं. गहलोत ने कहा- डॉक्टरों द्वारा वित्त सचिव को दी गई सिफारिशों पर सभी डॉक्टर्स सहमत थे, लेकिन बाद में आरएसएस से जुड़े चुनिंदा चार-पांच डॉक्टरों ने इस पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यह आरोप नहीं सच्चाई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दो लोग दिल्ली से आए और उन्हें वित्त सचिव अखिल अरोड़ा के पास भेजा गया तो दोनों सचिव से मिलने के बजाय, राज्यपाल कलराज के पास चले गए। उन्होंने कहा कि यह लोग प्रदेश में डॉक्टर्स को भड़काने के बाद करने के बाद वापस दिल्ली लौट गए। मुख्यमंत्री गहलोत ने डॉक्टर्स के विरोध प्रदर्शन को लेकर कहा कि बिल के माध्यम से लोगों को 25 लाख रुपये तक की फ्री स्वास्थ्य सेवाएं पाने का अधिकार दिया गया है जिसका भुगतान सरकार करेगी।