जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर पायलट पर तंज कसा है. पायलट द्वारा प्रभावित उम्मीदवारों के लिए मुआवजे के साथ आरपीएससी के पुनर्गठन की मांग के बाद टिप्पणी देते हुए कहा कि यह बौद्धिक दिवालियापन है. CM ने पायलट पर कसा तंज आपको बता दें कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाई […]
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर पायलट पर तंज कसा है. पायलट द्वारा प्रभावित उम्मीदवारों के लिए मुआवजे के साथ आरपीएससी के पुनर्गठन की मांग के बाद टिप्पणी देते हुए कहा कि यह बौद्धिक दिवालियापन है.
आपको बता दें कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाई प्रोफाइल पेपर लीक मामले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अपने ही सरकार का रुख वापस से दोहराया है. उन्होंने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर हमला करते हुए कहा कि प्रभावित उम्मीदवारों को मुआवजे की उनकी मांग बौद्धिक दिवालियापन दर्शाता है. बता दें कि पायलट द्वारा आरपीएससी के पुनर्गठन की मांग और प्रभावित उम्मीदवारों के लिए मुआवजे की मांग का भाजपा के कुछ नेताओं ने समर्थन किया है. भ्रष्टाचार और पेपर लीक के लिए पायलट ने अजमेर से जयपुर तक पदयात्रा भी की थी.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर सेन्ट्रल बस स्टैंड सिंधी कैंप में अत्यधुनिक बस टर्मिनल वका उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन के दौरान कहा कि पायलट के द्वारा मांग की जाती है कि पेपर लीक हो गया है इसलिए उम्मीदवारों को मुआवजा मिलना चाहिए। उन्होंने जनता से कहा कि आप इसे क्या कहेंगे ? क्या इसे बौद्धिक दिवालियापन नहीं कहेंगे?
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दावा करते हुए कहा कि विपक्ष पेपर लीक मामले को इसलिए खींच रहा क्योंकि उसके पास प्रदेश में कांग्रेस सरकार को निशाना बनाने के लिए अन्य मुद्दे नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि क्योंकि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, उन्होंने पेपर लीक के बारे में बात करना शुरू कर दिया है और कह रहे हैं कि उम्मीदवारों को मुआवजा दो। परीक्षा देने वाले 26 लाख लोगों को मुआवजा दो? पेपर लीक हो गए, इसलिए उन्हें मुआवजा चाहिए। उन्होंने जनता से पूछा कि क्या उन्हें को मुआवजा मिलना चाहिए?
उन्होंने आगे दावा किया कि उनकी सरकार ने एक कानून बनाया है और पेपर लीक मामले में आरोपी को जेल में डाल दिया है, जो किसी अन्य राज्य ने पेपर लीक की कई घटनाओं के बावजूद नहीं किया है।