जयपुर। पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच लम्बे समय से अनबन चल रही है. दोनों एक दूसरे पर आरोप लगाते रहते हैं वहीं, तंज कसते भी नजर आते हैं. इसी कड़ी में हाल ही सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि उनके पास पायलट के लिए समय नहीं है क्योंकि वह […]
जयपुर। पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच लम्बे समय से अनबन चल रही है. दोनों एक दूसरे पर आरोप लगाते रहते हैं वहीं, तंज कसते भी नजर आते हैं. इसी कड़ी में हाल ही सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि उनके पास पायलट के लिए समय नहीं है क्योंकि वह बढ़ती महंगाई को नियंत्रित करने की कोशिश में मशरूफ रहते हैं.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरूवार को पायलट पर पूछे गए प्रश्न पर उत्तर देते हुए कहा कि उनका ध्यान अभी राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बजाय मूल्य वृद्धि की जांच पर है, जो प्रदेश में भ्रष्टाचार और पेपर लीक के मुद्दों के खिलाफ जन संघर्ष यात्रा शुरू करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि अभी हमे इस बात की चिंता नहीं है कि सचिन पायलट क्या कर रहे हैं.मेरी चिंता राजस्थान में महंगाई कम करने को लेकर है.
पूर्व डिप्टी सीएम आज से 5 दिवसीय जन संघर्ष यात्रा पर है. मंगलवार को मीडिया से बातचीत के दौरान पायलट ने कहा था कि वो अजमेर से पदयात्रा की शुरुआत करेंगे जो जयपुर में जाकर समाप्त होगा। यह यात्रा 125 किलोमीटर लम्बी होगी। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा था कि यह यात्रा किसी के विरोध में न होकर करप्शन के विरोध में हैं. जनता के बीच जो मुद्दे है उन्हें लेकर पदयात्रा है. उन्होंने कहा कि जनता के बीच रहकर मैं हमेशा उनकी बात को सुनते आया हूं. जनता की बात सुनकर उनकी आवाज बनने की कोशिश करेंगे। आज यानी गुरूवार से सचिन पायलट ने अजमेर में जनसभा को संबोधित करने के बाद यात्रा आरंभ कर दी है.
राजधानी जयपुर में सिविल सिविल लाइन निवास पर बुलाई गई एक प्रेस कांफ्रेंस में पायलट ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेता को सोनिया गांधी नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी की वसुंधरा राजे मानते हैं.