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Rajasthan Election 2023: BJP में बढ़ी वंशवाद की बेल, टिकट वितरण के दौरान सारे दावे फेल

जयपुर। राजस्थान में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे राज्य में पार्टियों के बीच सियासी सरगर्मी भी तेज हो रही है। बता दें कि राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। वहीं बीजेपी ने चुनावी मैदान में कदम रखने से पहले नए-नए नियम का […]

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  • October 25, 2023 4:06 am IST, Updated 1 year ago

जयपुर। राजस्थान में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे राज्य में पार्टियों के बीच सियासी सरगर्मी भी तेज हो रही है। बता दें कि राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। वहीं बीजेपी ने चुनावी मैदान में कदम रखने से पहले नए-नए नियम का डंका बजाया था। बीजेपी ने दावा किया था कि इस साल राजस्थान चुनाव में वंशवाद को जगह नहीं मिलेगा वहीं साथ ही यह भी कहा था कि जो नेता पार्टी के नियम और नीति के रास्ते पर खरा नहीं उतरेगा उसे पार्टी चुनावी मैदान में उतरने का मौका नहीं देगी।

ज्यादातर दावे फेल हो गए

आपको बता दें कि बीजेपी लिस्ट जारी करने से पहले दावा किया था कि इस साल राजस्थान चुनाव में संगठन में पदाधिकारियों को भी मैदान में नहीं उतारना है। जिस कारण पार्टी के अधिकतर दावेदार खुश भी थे लेकिन पार्टी ने अपनी दो लिस्ट जारी की जिसमे अधिकतर दावे फेल हो गए। बता दें कि पार्टी के इस कारनामे से जनता भी अचंभित हो गई जब पांच साल सक्रिय नेता के बदले पैरासूट को चुनावी मैदान में मौका दिया गया। वहीं लिस्ट जारी करने से पहले केंद्रीय नेतृत्व राज्य में सर्वे करवाया था लेकिन सर्वे को दरकिनार कर लिस्ट में दूसरे चेहरे को मौका दिया गया है। वहीं इस साल के चुनाव में बीजेपी ने दावा किया था कि 75 वर्ष से ऊपर के उम्मीदवार को रणभेरी में मौका नहीं दिया जाएगा। हालांकि पार्टी के तरफ से 85 वर्ष वरिष्ठ विधायक सूर्यकांता व्यास को टिकट दिया गया है।

टिकट नहीं देने का दावा फिर भी मिला मौका

बीजेपी के नेता अरुण सिंह ने कहा था कि इस साल के चुनाव में संगठन में काम करने वाले को पार्टी टिकट नहीं देगी लेकिन यह दावा फेल करते हुए पार्टी ने सांसद भगीरथ चौधरी और प्रदेश महामंत्री भजनलाल शर्मा को चुनावी मैदान में उतरने का मौका दिया। वहीं जिन दावेदारों के ऊपर क्रिमिनल केस है उन्हें भी पार्टी ने टिकट दिया है। बता दें कि बीजेपी के 124 उम्मीदवारों में से 15 प्रतिशत उम्मीदवार का आपराधिक रिकॉर्ड है।

चुनावी समीकरण में वंशवाद को बढ़ावा

इस साल राजस्थान विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने वंशवाद को मौका देते हुए पार्टी सांसद कर्नल सिंह बैंसला के बेटे विजय बैंसला को मैदान में उतारा है। मुण्डवार से मौजूदा विधायक के बेटे मंजीत धर्मपाल को उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं बीजेपी नेता दिगम्बर सिंह के बेटे को डीग-कुम्हेर सीट से दोबारा मौका मिला है और पूर्व मंत्री सांवरलाल जाट के बेटे रामस्वरूप लांबा को नसीराबाद से उम्मीदवार बनाया गया है।


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