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Rajasthan Election 2023 : दूसरी लिस्ट को लेकर भाजपा ने बदली अपनी रणनीति, अब इन दिग्गजों को लगेंगे झटके!

जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान हो गया है। राज्य में इस साल 25 नवंबर को मतदान होगा। ऐसे में चुनावी परिणाम 3 दिसंबर को जारी किया जाएगा इसकी घोषणा चुनाव आयोग ने पिछले हफ्ते ही कर दी थी। राजस्थान में सत्ता पाने के लिए बीजेपी लगातार अपना स्ट्रेटेजी बदल रही है। […]

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BJP changed its strategy regarding the second list
  • October 13, 2023 5:12 am IST, Updated 1 year ago

जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान हो गया है। राज्य में इस साल 25 नवंबर को मतदान होगा। ऐसे में चुनावी परिणाम 3 दिसंबर को जारी किया जाएगा इसकी घोषणा चुनाव आयोग ने पिछले हफ्ते ही कर दी थी। राजस्थान में सत्ता पाने के लिए बीजेपी लगातार अपना स्ट्रेटेजी बदल रही है। बात करें अगर भाजपा की तो राजस्थान में चुनाव सामने है और बीजेपी अपनी दूसरी लिस्ट को लेकर अलग-अलग रणनीति बनाने में जुटी हुई है. सूत्रों के माध्यम से बताया जा रहा है कि भाजपा अपनी दूसरी लिस्ट को लेकर अलर्ट मोड में नजर आने वाली है। वहीं दूसरी लिस्ट जारी होने पर पार्टी के कई दिग्गज नेताओं को झटका भी लग सकता हैं।

रिश्तेदारों को टिकट नहीं

भाजपा इस बार के चुनाव में परिवारवाद की चंगुर में फंसने से बचने का पूरा प्लान बना चुकी है। बताया जा रहा है कि इस चुनाव में बीजेपी अपनी दूसरी लिस्ट में किसी रिस्तेदार या सांसदों के संतानो को टिकट नहीं देने जा रही है। ऐसे में अनुमान है कि भाजपा के इस अहम स्ट्रेटेजी से पार्टी के कई दिग्गज नेता और सांसदों को जमकर झटका लगने वाला हैं। अगर बेहद जरुरी हुआ तो उस स्थिति में बीजेपी उन दावेदारों को टिकट देगी जिनकी भूमिका पार्टी में सक्रिय है। आपको बता दें कि 2018 के चुनाव में बीजेपी ने कुल 15 रिश्तेदार और सांसद को टिकट दी थी लेकिन उनमे से 12 सीट पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। इसलिए इस बार बीजेपी पूरा अपना रणनीति ही बदलने की तैयारी में जुटी है।

सांसदों की उम्मीद

राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी अपने बेटा आशीष को सीकर से चुनाव में उतारना चाह रहे हैं। वहीं जसकौर मीणा अपनी बेटी के लिए बामनवास से टिकट की मांग कर रही थी लेकिन मीणा की उम्मीद पर पानी पर गया, हालांकि दो सांसद ने बेटा के लिए टिकट की मांग की लेकिन पार्टी ने उन्हें खुद चुनावी मैदान में उतार दिया। ऐसे अन्य नेता के साथ भी हुआ हैं। उनकी मांग अपने संतान के लिए टिकट की हो रही थी लेकिन पार्टी ने उनको ही टिकट दे दिया। इस तरह अनुमान लगया जा रहा है कि इस चुनाव में भाजपा अपनी पुरानी रणनीति को ही बदलने में जुटी हुई है.


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