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Rajasthan Election 2023 : चुनावी मैदान में महिलाओं को पूरा हक नहीं, अब तक सिर्फ चार को मिला मौका

जयपुर। राजस्थान के सियासी चुनावी मैदान में महिलाओं को आज तक पूरा हक नहीं मिला है। इस कारण 71साल के चुनावी इतिहास में भीलवाड़ा से सिर्फ चार महिला ही विधायक बनी जो राजस्थान विधानसभा के दरवाजा तक कदम रखने में सफल हुई। हालांकि दुनिया के लिए नारी सशक्तिकरण के दावे भले ही किए जा रहे […]

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Women do not have full rights in the electoral field
  • October 23, 2023 8:14 am IST, Updated 1 year ago

जयपुर। राजस्थान के सियासी चुनावी मैदान में महिलाओं को आज तक पूरा हक नहीं मिला है। इस कारण 71साल के चुनावी इतिहास में भीलवाड़ा से सिर्फ चार महिला ही विधायक बनी जो राजस्थान विधानसभा के दरवाजा तक कदम रखने में सफल हुई। हालांकि दुनिया के लिए नारी सशक्तिकरण के दावे भले ही किए जा रहे है, लेकिन राजस्थान के सियासी चुनावी मैदान में आज भी महिलाओं को पूरा हक नहीं मिल रहा है। बता दें कि महिलाओं की हर विधानसभा चुनाव में दावेदारी जताने के बाद भी राजनीतिक दलों ने उनको मौका नहीं दिया है। इस बार के चुनाव की बात करें तो बीजेपी ने भीलवाड़ा व शाहपुरा जिले के विधानसभा चुनाव के लिए छह उम्मीदवारों का नाम ऐलान कर चुका है, वहीं कांग्रेस एक उम्मीदवार की घोषणा की है। खास बात यह है कि दोनों ही पार्टी ने अपनी तरफ से अभी तक एक भी महिला उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।

सात दशक में चार महिला विधायक

दावेदारी में महिलाओं ने जमकर ताल ठोकी पर इसके बाबजूद भी दोनों पार्टी ने भीलवाड़ा से किसी भी महिला को मौका नहीं दिया। बता दें कि कांग्रेस और बीजेपी में महिला दावेदारों की फेहरिस्त लंबी है। वहीं इन लिस्ट के कई नाम चर्चों में भी थे। बताया जा रहा है कि भीलवाड़ा क्षेत्र से करीब एक दर्जन से अधिक महिला दावेदार जयपुर से दिल्ली की दौड़ लगा रही है, फिर भी राजनीतिक दलों ने इन महिलाओं को टिकट नहीं दिया। बता दें कि जिले में साल 1952 से अभी तक के विधानसभा चुनाव में भीलवाड़ा, सहाड़ा व मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र से अब तक सिर्फ चार महिलाओं को मैदान में उतरने का मौका मिला है। 1957 के चुनाव में भीलवाड़ा से पहली महिला विधायक के रूप में कमला बाई कांग्रेस से जीती थी। अगर 1962 विधानसभा चुनाव की बात करें तो उस समय कांग्रेस की ही निर्मला देवी ने जीत हासिल की थी।

साठ साल बाद खुला रास्ता

आपको बता दें कि 1962 के बाद और 2013 से पहले तक किसी भी महिला के लिए विधानसभा का गेट नहीं खुला। जबकि भाजपा की कीर्ति कुमारी ने साल 2013 में मांडलगढ़ से चुनाव जीतकर मैदान में कदम रखा। वहीं कीर्ति कुमारी का असामयिक निधन पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही हो गया। साल 2018 में सहाड़ा विधानसभा से कांग्रेस से कैलाश त्रिवेदी लगातार दूसरी बार विधायक बने, लेकिन उनके निधन से साल 2021 में रिक्त हुई सीट पर त्रिवेदी की पत्नी गायत्री देवी को पार्टी ने सहाड़ा उपचुनाव में मौका दिया। इस क्षेत्र से गायत्री देवी जीत गई।

तीन लाख बढ़ी महिला मतदाता

29 लाख से अधिक आबादी भीलवाड़ा व शाहपुरा जिले की है। इन जिलों में मतदाता की संख्या 18 लाख 42 हजार 271 है। महिला वोटरों की संख्या 9 लाख 9 हजार 211 है। बता दें कि पिछले दस साल के अंदर जिले में महिला वोटरों की संख्या में तीन लाख का इजाफा हुआ है।

महिला मतदाता की संख्या

07 लाख 06 हजार 128 महिला मतदाता की संख्या साल 2013 में दर्ज हुई।

08 लाख 41 हजार 662 महिला मतदाता की संख्या साल 2018 में दर्ज हुई।

09 लाख 09 हजार 211 महिला मतदाता की संख्या साल 2023 में दर्ज हुई है।


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