जयपुर। राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए गजेंद्र सिंह शेखावत फोन टैपिंग मामले में केंद्र सरकार के खिलाफ दायर मुकदमे को वापस ले लिया है। ये मुकदमा पूर्व अशोक गहलोत सरकार के कार्यकाल में दायर किया गया था। जिसे अब भजनलाल सरकार के कार्यकाल में वापस ले लिया गया है। अतिरिक्त […]
जयपुर। राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए गजेंद्र सिंह शेखावत फोन टैपिंग मामले में केंद्र सरकार के खिलाफ दायर मुकदमे को वापस ले लिया है। ये मुकदमा पूर्व अशोक गहलोत सरकार के कार्यकाल में दायर किया गया था। जिसे अब भजनलाल सरकार के कार्यकाल में वापस ले लिया गया है। अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने आवेदन दायर किया था।
बता दें कि एएजी शिवमंगल शर्मा ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट में केस वापस लेने के लिए प्रार्थना पत्र दायर करते हुए कहा कि इस केस में कोई मैरिट नहीं बनती है। फोन टैपिंग कांड के बाद पूर्ववर्ती गहलोत सरकार में यह तर्क दिया गया था कि फोन टैपिंग की जांच दिल्ली पुलिस के पास क्षेत्राधिकार नहीं है और केवल राजस्थान पुलिस को इस एफआईआर की जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मुकदमे में कोई मेरिट नहीं है। इसे वापस लिया जाना चाहिए है। बता दें कि पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के टैपिंग के मामले में सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी। जहां मामले की जांच दिल्ली पुलिस की जगह राजस्थान पुलिस से करवाने को लेकर याचिका दायर की गई थी।
शिवमंगल शर्मा का कहना है कि रिकॉर्ड और मामले के तथ्यों व परिस्थितियों की जांच की गई है। जिसमें यह आया है कि मैरिट पर मामला सुप्रीम कोर्ट में चलने लायक नहीं है। इसे बढ़ाने से किसी भी तरह के उद्देश्य की प्राप्ति नहीं होगी। इस वजह से न्याय हित को ध्यान में रखते हुए और सुप्रीम कोर्ट का समय बचाने के लिए इस मामले को वापस लेने का निर्णय लिया।