जयपुर: राजस्थान के पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को जिस तरह से मणिपुर मामले पर बोलने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा उनपर कार्रवाही की गई और तत्काल प्रभाव से उनको मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया। उसके बाद से राज्य की सियासत अलग ही मोड़ ले चुकी है। इस मामले पर जहां विपक्ष गहलोत […]
जयपुर: राजस्थान के पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को जिस तरह से मणिपुर मामले पर बोलने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा उनपर कार्रवाही की गई और तत्काल प्रभाव से उनको मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया। उसके बाद से राज्य की सियासत अलग ही मोड़ ले चुकी है। इस मामले पर जहां विपक्ष गहलोत सरकार को घेर रही है तो वही अब पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा भी हुंकार भरते नजर आ रहे है और राज्य सरकार के खिलाफ खुलकर बोल रहे हैं।
राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि मेरा चुनाव बीजेपी के खिलाफ होता है कांग्रेस तो यहां चार बार से है ही नहीं। मैं चुनाव तो बीजेपी के खिलाफ लडूंगा। 2008 में राजेंद्र गुढ़ा बसपा विधायक दल का नेता था और 6 सांसदों का हमने गहलोत जी के सरकार में मर्ज कराया था और क्या मुर्गे ने जान दे दी और मजा नहीं आया गहलोत जी को। उसके बाद फिर 2018 में 6 विधायक फिर सरकार की उठापटक में हर बार उनके कहने से राज्य सभा में वोट दिया।
पूर्व मंत्री गुढ़ा ने आगे कहा कि हमारे पास बड़े-बड़े ऑफर थे, सबको ठुकरा के इनको समर्थन दिया। हमने यह से राज्य सभा में मनमोहन जी को जीता दिया, हमने बड़े-बड़े मुकुलवाशिनी जी को जीता दिया, हमने राज्य सभा में उनको जीता दिया और अपना पूरा समय उनको दे दिया। बाद में ओ मेरे ऊपर ये आरोप लगाए की मैं बीजेपी से मिला हुआ हूं। मैंने सिर्फ इतना बोला था कि मेरे विधानसभा में 20 साल की लड़की का सोते हुए रात में गला रेतकर हत्या कर दी।
उन्होंने कहा कि राजेंद्र गुढ़ा को व्यक्तिगत वोट मिलता है। राजेंद्र गुढ़ा किसी पार्टी से जीत कर नहीं आता अपनी दम पर आता है। कांग्रेस पार्टी में 50 प्रतिशत लोग अनुकंपा नियुक्ति वाले हैं।