जयपुर: राजस्थान में इस समय सियासत जोरो पर है। राजस्थान कांग्रेस में आलाकमान ने किसी तरह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट का मामला शांत कराया। तो उसके कुछ दिन बाद ही राजस्थान कांग्रेस में एक अलग ही बवाल चालू हो गया। यह किसी और ने नहीं बल्कि गहलोत सरकार में मंत्री रहें राजेंद्र गुढ़ा […]
जयपुर: राजस्थान में इस समय सियासत जोरो पर है। राजस्थान कांग्रेस में आलाकमान ने किसी तरह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट का मामला शांत कराया। तो उसके कुछ दिन बाद ही राजस्थान कांग्रेस में एक अलग ही बवाल चालू हो गया। यह किसी और ने नहीं बल्कि गहलोत सरकार में मंत्री रहें राजेंद्र गुढ़ा के विधानसभा में मणिपुर हिंसा पर दिए गए बयान के बाद चालू हुआ जिसमें उन्होंने कहा था कि मणिपुर की जगह हमें अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए। इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजेंद्र गुढ़ा को अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था। जिसके बाद से ही राजेंद्र गुढ़ा कांग्रेस और सीएम गहलोत पर लगातार हमलावर है।
पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा में राज्य की सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सब बलात्कारी हैं, इन लोगों का डीएनए और नार्को की जांच होनी चाहिए। मेरा भी कराओ और उनका भी कराओ हकीकत पता चल जाएगा। राजेंद्र गुढ़ा ने यह बयान हालिया में रिलीज हुई फिल्म ‘अजमेर-92’ पर पूछे गए सवाल पर दिया।
राजेंद्र गुढ़ा ने आरोप लगाते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री गहलोत को मैंने बचाया अगर मैं उस समय नहीं होता तो गहलोत जी जेल में होते। जब ईडी का छापा पड़ा था तो उस समय गहलोत जी ने मुझसे कहा था कि गुढ़ा किसी तरह से लाल डायरी वहां से निकाल कर लाओ। मैंने अपना जान जोखिम में डालकर 9वीं मंजिल से बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों के बीच से वो लाल डायरी निकाल कर लाया था। उसमें गहलोत के सारे काले कारनामे का जिक्र है।