जयपुर: हरियाणा के नूंह मेवात में दो समुदायों के बीच हुए धार्मिक उन्माद-टकराव और पत्थरबाजी की घटना के बाद राजस्थान के कुछ जिलों में पुलिस की तैनाती को बढ़ा दी गई है। हरियाणा की आग राजस्थान में ना पहुंचे, इसलिए प्रदेश सरकार ने हरियाणा की सीमा से सटे भरतपुर के चार इलाके और अलवर जिले […]
जयपुर: हरियाणा के नूंह मेवात में दो समुदायों के बीच हुए धार्मिक उन्माद-टकराव और पत्थरबाजी की घटना के बाद राजस्थान के कुछ जिलों में पुलिस की तैनाती को बढ़ा दी गई है। हरियाणा की आग राजस्थान में ना पहुंचे, इसलिए प्रदेश सरकार ने हरियाणा की सीमा से सटे भरतपुर के चार इलाके और अलवर जिले के 10 क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी है। इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के सभी लोगों से शांति की अपील की है।
दरअसल, साल के अंत में हरियाणा के मेवात इलाके से सटे राजस्थान में विधानसभा चुनाव होना है। राजस्थान में ही मेवात क्षेत्र का ज्यादा फैलाव है। भरतपुर और अलवर जिले इसी मेवात क्षेत्र में आते हैं। यहां विधानसभा की कुल 18 सीटें आती हैं। इन सीटों पर कांग्रेस-भाजपा के अलावा बसपा की भी अच्छा पकड़ है। बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनावों में भरतपुर की सात सीटों पर भाजपा का खाता तक नहीं खुला था। सात में से 4 कांग्रेस, 2 बसपा और 1 सीट पर रालोद उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी। जबकि अलवर जिले की 11 सीटों में से महज 2 सीटों पर ही भाजपा को जीत मिली थी। जबकि कांग्रेस को 5, 2 सीटें निर्दलीय और 2 पर बसपा के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी।
प्रदेश के राजनीतिक जानकारों का मानना है कि राजस्थान में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने है। इसके बाद लोकसभा और फिर हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में हरियाणा की दंगों की आग अगर राजस्थान तक पहुंचती है, तो चुनाव में धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण को बल मिल सकता है। इसके अलावा पहले ही राजस्थान में हर पांच साल में सत्ता पलटने का रिवाज रहा है। अगर प्रदेश में इस तरह की कोई घटना होती है, तो हिंदू मतदाताओं के एकजुट होने की संभावना बढ़ जाएगी। लिहाजा प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत और उनकी सरकार पहले ही एक्टिव नजर आ रही है।
हरियाणा के दंगे का असर राजस्थान में नहीं पहुंचे, इसलिए राजस्थान सरकार ने हरियाण के समीवर्ती कुछ जिलों में अलर्ट जारी कर दिया हैं। प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि मैं सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। पुलिस-प्रशासन को सख्ती से कार्रवाई कर शांति बहाली करनी चाहिए। पड़ोसी राज्य होने के कारण हमारा चिंतित होना स्वाभाविक है। हमारे सीमावर्ती जिलों में राजस्थान के पुलिस-प्रशासन चौकस है एवं यहां पूर्णत: शांति है। प्रदेश में अशांति फैलाने के किसी भी प्रयास से सख्ती से निपटा जाएगा।