Advertisement
  • होम
  • अध्यात्म
  • निर्जला एकादशी 2025: जानें जल दान का महत्व और दीपक जलाने की सही जगहें

निर्जला एकादशी 2025: जानें जल दान का महत्व और दीपक जलाने की सही जगहें

जयपुर। सनातन धर्म में निर्जला एकादशी का बहुत महत्व होता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। निर्जला एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से 24 एकादशियों का फल प्राप्त होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से […]

Advertisement
Nirjala Ekadashi 2025
  • June 6, 2025 5:42 am IST, Updated 2 months ago

जयपुर। सनातन धर्म में निर्जला एकादशी का बहुत महत्व होता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। निर्जला एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से 24 एकादशियों का फल प्राप्त होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से सभी तरह की इच्छाओं की पूर्ति होती है। आइए जानते हैं इस दिन कहां-कहां दीया जलाना शुभ होता है।

एकादशी में कहां जलाएं दीपक

ऐसा माना जाता है कि निर्जला एकादशी के दिन शाम के समय 4 दीपक जलाने चाहिए। पहला दीपक जलाकर अपने मंदिर में रखना चाहिए। मंदिर में इस दीपक को भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने रखना चाहिए। दूसरे दीपक को जलाकर पितरों को याद करके रखना चाहिए। दूसरा दीपक हमेशा अपने पितरों को समर्पित करना चाहिए। तीसरे दीपक को जलाकर पीपल के पेड़ के नीचे रखना चाहिए। इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक रखना शुभ होता है। चौथे दीपक को तुलसी के पौधे के नीचे रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि निर्जला एकादशी के दिन तुलसी के पेड़ के नीचे दीपक रखने से तुलसी मां प्रसन्न होती हैं।

जल दान का महत्व

निर्जला एकादशी में दान का भी बहुत महत्व होता है। इस दिन मिट्टी या तांबे के बर्तन में पानी भरकर दान करने से घर में खुशहाली बनी रहती है। साथ ही जितना आपका सामर्थ्य हो, उस हिसाब से ही आपको दान-पुण्य का काम करना चाहिए। जल को जीवनदाता और पापनाशक कहा जाता है। ऐसे में जल को दान करने से जीवन के सारे पाप नाश हो जाते हैं। साथ ही जलदान करने से पक्षियों की सेवा भी होती है। इस दिन जल दान करने से जीवन में शांति बनी रहती है। साथ ही सुखों में वृद्धि होती है। गर्मी के मौसम में तो जल दान का अधिक महत्व होता है।


Advertisement