जयपुर : सनातन धर्म में जीवन जीने के लिए एक अलग रिवाज बनाया गया हुआ है, इस रिवाज के तहत कुछ नियम-कानून बनाएं गए हैं, इसका पालन महिलाएं, पुरुष के साथ-साथ बच्चे भी करते हैं. उदाहरण के तौर पर अगर आप सनातन धर्म को मानते है तो आप ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें, इसके […]
जयपुर : सनातन धर्म में जीवन जीने के लिए एक अलग रिवाज बनाया गया हुआ है, इस रिवाज के तहत कुछ नियम-कानून बनाएं गए हैं, इसका पालन महिलाएं, पुरुष के साथ-साथ बच्चे भी करते हैं. उदाहरण के तौर पर अगर आप सनातन धर्म को मानते है तो आप ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें, इसके पश्चात सूर्य देव को जल चढ़ाएं. भगवान का पूजा-पाठ करने के बाद कुछ अन्न ग्रहण करें। हालांकि बदलते समय के साथ अब लोगों के जीने का तरीका भी बदल रहा है।
बढ़ते समय में सनातन धर्म के नियम का पालन करना अब संभव नहीं लगता है, हालांकि अभी भी कुछ लोग है जिन्हें पाता है, वे इस नियम का पालन जरूर करते हैं. बता दें कि किसी भी परिवार के लिए बच्चे भविष्य होते हैं. उनकी सही परवरिश देना बेहद ही जरूरी है. अक्सर आप कुछ पैरेंट्स से सुनते होंगे कि उनका बच्चा कुछ भी याद नहीं रख पाता है, बच्चे की स्मरण शक्ति कमजोर है. बच्चों में आत्मविश्वास की कमी है. उसे हमेशा भय सताता है. ऐसे में इन सभी परेशानियों को दूर करने के लिए आप अपने बच्चे को कुछ मंत्र सीखा सकते हैं, जिनका वे जाप करेंगे तो उनकी स्मरण शक्ति और एकाग्रता बढ़ेगी. तो चलिए जानते है कुछ खास मंत्रों के बारे में, जिनके जाप से बच्चों को अंदर सकारात्कम ऊर्जा आएगी।
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं, अनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं, रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।
मनोजवं मारुततुल्यवेगमं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये।
इस मंत्र का जाप करने से बच्चों के अंदर से भय दूर होगा, ज्ञान, बुद्धि और विद्या में वृद्धि होगी. इस मंत्र में बजरंगबली जी के गुणों का बखान हुआ है.
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्.
बच्चों को स्मरण शक्ति और एकाग्रता को बढ़ाने के लिए गायत्री मंत्र का जाप करवाएं।
आप अपने बच्चों को इस मंत्र का जाप सुबह उठने के दौरान करवाएं। इस मंत्र को पढ़ने के समय अपने दोनों हाथों को सामने रखें, ताकि दोनों हथेली आपको अच्छे से दिखे. इस मंत्र में बताया गया है कि आपके हथेली में माता लक्ष्मी, देवी सरस्वती और भगवान विष्णु का वास है. प्रात: उनका दर्शन करें.