उदयपुर: झीलों की नगरी कहा जाने वाला उदयपुर अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध तो है ही लेकिन अब यहां एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। बढ़ते पेट्रोल और डीजल के दाम और पर्यावरण संरक्षण के लिए देश ई-रिक्शा व्हीकल पर शिफ्ट होता नजर आ रहा है। इसी क्रम में उदयपुर के जिला कलेक्टर […]
उदयपुर: झीलों की नगरी कहा जाने वाला उदयपुर अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध तो है ही लेकिन अब यहां एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। बढ़ते पेट्रोल और डीजल के दाम और पर्यावरण संरक्षण के लिए देश ई-रिक्शा व्हीकल पर शिफ्ट होता नजर आ रहा है। इसी क्रम में उदयपुर के जिला कलेक्टर तारा चंद मीणा ने एक नई पहल शुरू की है। इसके तहत शहर में ई-रिक्शा चलेंगे और चलाने वाली महिलाएं होंगी एवं मालिक भी। इससे पहले महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण का संदेश साथ-साथ देने की कोशिश की जाएगी।
बैठक में कलेक्टर ताराचंद मीणा ने फॉसिल फ्यूल आधारित ट्रांसपोर्ट वाहनों को इलेक्ट्रॉनिक वाहनों में शिफ्ट करने को लेकर दिशानिर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में शहर में ई-रिक्शा का संचालन किया जाएगा जिसमें नवाचार करते हुए शत प्रतिशत महिला चालकों को सम्मिलित किया जाएगा। इससे ना सिर्फ महिला सशक्तिकरण का संदेश जाएगा, बल्कि शहर को प्रदूषण रहित करने में भी मदद मिलेगी। कलेक्टर ने कहा है कि जो भी कंपनियां सीएसआर के तहत ई-रिक्शा संचालन में प्रशासन का सहयोग करना चाहें, संपर्क कर सकती हैं। इसमें महिलाओं के लिए ई-रिक्शा खुद का चलाने को लेकर भी सहयोग किया जाएगा।
बैठक में उदयपुर शहर के यातायात को लेकर कई बदलाव के निर्णय लिए गए।
विभिन्न चौराहों पर ट्रैफिक लाइट स्थापित करने, विभिन्न स्थानों पर ऑटो स्टैंड स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं।
बड़ी तालाब के पास सौंदर्यीकरण के साथ ही सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जाएगा।
इसके अलावा वॉल्ड सिटी के लिए नगर निगम द्वारा प्रस्तावित ग्रीन मोबिलिटी जोन प्रोग्राम को मंजूरी दी गई है।
उदयपुर के कलेक्टर ने बैठक में बरसात से पहले अंडरपास की सफाई करने के भी आदेश दिए हैं।
शहर के अंदर और महत्वपूर्ण सड़कों पर दोपहिया और चार पहिया वाहनों की पार्किंग के लिए पीले रंग की मार्किंग करवाई जाएगी।