जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा राजेंद्र सिंह गुढ़ा को पद से बर्खास्त करने के बाद सियासी माहौल गर्म हो चुका है। वहीं बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस ने सच बोलने की गुढ़ा को बहुत बड़ी सजा दी है. गुढ़ा पर इस तरह की कार्रवाई अफसोसजनक है. बीजेपी ने CM गहलोत पर […]
जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा राजेंद्र सिंह गुढ़ा को पद से बर्खास्त करने के बाद सियासी माहौल गर्म हो चुका है। वहीं बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस ने सच बोलने की गुढ़ा को बहुत बड़ी सजा दी है. गुढ़ा पर इस तरह की कार्रवाई अफसोसजनक है.
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र को मंत्री परिषद के सदस्य गुढ़ा को बर्खास्त करने की अनुशंसा की जिसके बाद राज्यपाल ने तत्काल रूप में एक्शन लेते हुए स्वीकार कर लिया। अब इस मामले में अन्य राजनितिक पार्टियों द्वारा प्रतिक्रिया सामने आ रही है. जहां एक तरह कांग्रेस इस कदम को अनुशासत्मक कार्रवाई कह रही है वहीं बीजेपी समेत अन्य पार्टियों का कहना है कि कांग्रेस ने सच बोलने की गुढ़ा को बहुत बड़ी सजा दी है. गुढ़ा पर इस तरह की कार्रवाई अफसोसजनक है.
दरअसल मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर 21 जुलाई को विधानसभा में अपनी ही सरकार पर सवाल उठा दिए थे. यही वजह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनपर कड़ी कार्रवाई की.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि वे कई दिनों से पार्टी लाइन के खिलाफ बोल रहे थे. आलाकमान और मुख्यमंत्री ने यह फैसला सोच समझकर ही लिया होगा. कई दिनों से वे लगातार पार्टी विरोधी बयान दे रहे थे. कांग्रेस विधायक अमीन कागजी ने कहा कि जिस व्यक्ति को सरकार ने सब कुछ दिया उसे इस तरह की बयानबाजी से बचना चाहिए. कांग्रेस में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं होती. गुढ़ा को बर्खास्त करने का फैसला आलाकमान और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के स्तर पर हुआ है. मुख्यमंत्री ने सोच समझकर ही यह फैसला लिया होगा.