जयपुर। पूर्व विधायक बलजीत यादव के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापा मारा है। पूर्व विधायक पर आरोप है कि यादव की फर्म पर सरकारी स्कूलों में घटिया सामान की आपूर्ति की जा रही थी। ईडी के मुताबिक बलजीत यादव के जयपुर में 8 ठिकानों पर रेड की गई। इसके साथ ही दौसा और […]
जयपुर। पूर्व विधायक बलजीत यादव के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापा मारा है। पूर्व विधायक पर आरोप है कि यादव की फर्म पर सरकारी स्कूलों में घटिया सामान की आपूर्ति की जा रही थी। ईडी के मुताबिक बलजीत यादव के जयपुर में 8 ठिकानों पर रेड की गई। इसके साथ ही दौसा और अलवर स्थित ठिकानों पर भी टीम ने छापा मारा है।
रेड की कार्रवाई पीएमएलए कानून के तहत की जा रही है। विधायक और उनसे संबंधित कुछ लोगों पर आरोप है कि इनकी कुछ कंपनियों ने सरकारी स्कूल के भीतर विधायक कोष से सामान की आपूर्ति से 3.72 करोड़ रुपए का घोटाला किया है। विधायक कोष को दुरुपयोग कर नियमा के मुताबिक जो अनुमति लेनी थी, उसकी परमिशन नहीं ली गई। इसके साथ ही टेंडर देने वाली फर्मों ने फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल किया। बलजीत यादव व उसके सहयोगियों की कंपनियों ने विधायक कोष में क्रिकेट-बैडमिंटन किट की खरीद की।
ईडी का मानना है कि विधायक फंड में फेरबदल कर 2.50 गुना ज्यादा खरीदारी कर सरकार को हानि पहुंचाई है। आरोप है कि विधायक कोष का गलत इस्तेमाल कर सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाया है। बलजीत यादव 2018 से 2023 में बहरोड़ से निर्दलीय विधायक रहे हैं। विधायक के पद पर रहते हुए भी बलजीत यादव ने अशोक गहलोत सरकार को समर्थन दिया था। राज्यसभा चुनाव में भी यादव ने कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया था।
PMLA कानून देश में साल 2005 में लागू किया गया। इस कानून का लागू करने का उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग को रोकना है। साथ ही उससे जुटाई गई प्रॉपर्टी को जब्त करना भी है। PMLA के तहत दर्ज किए जाने वाले सभी अपराधों की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) एजेंसी करती है।