जयपुर। राजस्थान में निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारी सड़कों पर उतरे हैं। सीकर निजीकरण के विरोध समेत कई मांगों को लेकर कर्मचारी विरोध करने लगे हैं। शहर में आक्रोश रैली निकाली गई है। बिजली कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। वहीं कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री भजनलाल के नाम ज्ञापन सौंप दिया। प्रदर्शन के चलते शहर […]
जयपुर। राजस्थान में निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारी सड़कों पर उतरे हैं। सीकर निजीकरण के विरोध समेत कई मांगों को लेकर कर्मचारी विरोध करने लगे हैं। शहर में आक्रोश रैली निकाली गई है। बिजली कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। वहीं कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री भजनलाल के नाम ज्ञापन सौंप दिया। प्रदर्शन के चलते शहर में लगभग 1 घंटे तक जाम भी लगा रहा।
कर्मचारियों ने अधीक्षण अभियंता दफ्तर से जिला कलेक्ट्रेट तक आक्रोश रैली निकाली। रैली के बाद राजस्थान बिजली संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर के साथ बिजली विभाग के संगठनों की ओर से 6 सूत्री मांग की गई। मांगों के लिए ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौंपा गया। मुख्य रूप से बिजली विभाग का निजीकरण बंद करने के साथ विभाग में ठेका प्रथा खत्म करने, पुरानी पेंशन योजना शुरू करने, बिजली विभाग में खाली पड़े पदों पर भर्ती करने जैसी मांग की।
इस प्रदर्शन के दौरान पूरे जिले के बिजली कर्मचारी और विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। राजस्थान विद्युत संयुक्त कर्मचारी संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के मुताबिक राज्य में अलग-अलग नाम से विद्युत विभाग के ठेके दिए जा रहे हैं। बड़ी संख्या में कर्मचारी होने के बावजूद भी ठेका प्रथा जारी है, जो कर्मचारी के हितों में नहीं है। निजीकरण होने से जनता को भी भारी नुकसान झेलना होगा।
पदाधिकारियों ने बताया कि निजीकरण करना कर्मचारियों से उनका काम छीनना है। वहीं ठेका प्रथा के चलते कर्मचारी बेरोजगार होते जा रहे हैं। सरकार को ओपीएस लागू करने के साथ विद्युत विभाग में लगभग 50 हजार नए कर्मचारियों की भर्ती करनी होगी।