जयपुर। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र में युवाओं के लिए मेरा आश्वासन और प्रतिबद्धता खाली बात नहीं है. पायलट ने प्रदेश सरकार पर साधा निशाना आपको बता दें कि राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने बुधवार को कहा कि प्रदेश की जनता से […]
जयपुर। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र में युवाओं के लिए मेरा आश्वासन और प्रतिबद्धता खाली बात नहीं है.
आपको बता दें कि राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने बुधवार को कहा कि प्रदेश की जनता से किए गए वादों से वह पीछे नहीं हटेंगे। दरअसल अजमेर से जयपुर तक जनसंघर्ष यात्रा के दौरान पायलट ने प्रदेश सरकार को अल्टीमेटम दिया था और कहा था कि मांगे पूरी नहीं होगी तो बड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने विधानसभा क्षेत्र टोंक में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र में युवाओं के लिए मेरा आश्वासन और प्रतिबद्धता खाली बात नहीं है मेरे लिए भ्रष्टाचार और युवाओं के भविष्य के दो मुद्दों पर समझौता करना संभव नहीं है।
अपनी बातों को रखते हुए पायलट ने कहा कि दो दिन पहले मैंने पार्टी नेतृत्व अध्यक्ष ( मल्लिकार्जुन खड़गे) के साथ दिल्ली में एक बैठक की थी. उन्होंने कहा कि मैंने जो मांगे रखी थी, पार्टी उन्हें जानती है. मुझे विश्वास है कि सरकार कार्रवाई करेगी। ये महीने का आखिरी दिन है मैंने 15 मई को कहा था कि सरकार जल्द कार्रवाई करे तो अब मैं इंतजार कर रहा हूं। कार्रवाई करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है.
दरअसल सोमवार के दिन कांग्रेस प्रमुख मलिकार्जुन खड़गे ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट से दिल्ली में मुलाकात की थी. इस मिटिंग में पायलट ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल और कांग्रेस राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से मुलाकात की। बैठक के दौरान किसी ने भी पायलट के इस अल्टीमेटम के बारे में चर्चा नहीं की, जिसके बाद पायलट का यह बयान सामने आया.
पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने पिछली वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के दौरान कथित “भ्रष्टाचार” के मामलों पर गहलोत सरकार द्वारा कोई कार्रवाई न करने को लेकर अजमेर से जयपुर तक पांच दिवसीय पैदल मार्च किया था। इसके अलावा, पायलट ने राजस्थान लोक सेवा आयोग को भंग करने और इसके पुनर्गठन और पेपर लीक के बाद सरकारी भर्ती परीक्षा रद्द करने से प्रभावित लोगों को मुआवजा देने की भी मांग की। हालांकि गहलोत पर दबाव बना हुआ है, लेकिन बीजेपी के कार्यकाल में कथित भ्रष्टाचार के मामलों को फिर से खोलने में सीएम गहलोत ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है.