जयपुर। छत्तीसगढ़ और एमपी के बाद राजस्थान में भी नई भारतीय जनता पार्टी सरकार के लिए कैबिनेट विस्तार की तैयारी है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा सरकार में नए मंत्रियों को शामिल किए जाने की उम्मीद है। सूत्रों की मानें तो गुरुवार या शुक्रवार कैबिनेट विस्तार हो सकता है और शपथ ग्रहण के लिए राजभवन में […]
जयपुर। छत्तीसगढ़ और एमपी के बाद राजस्थान में भी नई भारतीय जनता पार्टी सरकार के लिए कैबिनेट विस्तार की तैयारी है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा सरकार में नए मंत्रियों को शामिल किए जाने की उम्मीद है। सूत्रों की मानें तो गुरुवार या शुक्रवार कैबिनेट विस्तार हो सकता है और शपथ ग्रहण के लिए राजभवन में तैयारियां की जा रही हैं।
माना जा रहा है कि एमपी की तरह ज्यादा नए विधायकों को मौके दिए जाएंगे। इस मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सी.पी. जोशी ने कहा, ”आपको मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में जल्द ही सूचित किया जाएगा। सीएम शर्मा मंगलवार को श्रीकरणपुर विधानसभा के दौरे पर थे और मंगलवार शाम को जयपुर लौट आए. कैबिनेट विस्तार के चलते ज्यादातर विधायक जयपुर में ही रुके हुए हैं। खबरें है नए चेहरे मंत्रिमण्डल मे शामिल हो सकते है।
अटकलें हैं कि उन विधायकों को मौका दिया जा सकता है, जो अब तक कभी मंत्री नहीं बने हैं। कुछ वरिष्ठ विधायकों को भी मंत्री बनाया जा सकता है और उनकी संख्या ज्यादा नहीं होगी। वहीं, लोकसभा चुनाव के मद्देनजर नए मंत्रियों के चयन में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन बनाए रखने पर भी नजर रहेगी। इस पृष्ठभूमि में माना जा रहा है कि शेखावाटी क्षेत्र, जहां भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन फिसड्डी रहा है, वहां ज्यादातर जीते हुए विधायकों को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है.
इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत देरी से हो रहे कैबिनेट विस्तार को लेकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर हमला बोल रहे हैं। मंगलवार को उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की ‘अद्भुत योजनाओं’ को बंद नहीं करने की गारंटी नहीं मिलने के कारण नई सरकार से जनता की उम्मीद शुरुआत में ही खत्म हो गई हैं।
उन्होंने आगे कहा, राजीव गांधी युवा इंटर्नशिप कार्यक्रम को बंद कर युवाओं को रोजगार से वंचित किया जा रहा है। वहीं चिरंजीवी योजना के तहत इलाज नहीं हो पा रहा है ऐसी खबरे आ रही है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि सबसे पहले राजस्थान के हित में सरकार का गठन हो, कैबिनेट बने और हमारी योजनाओं और सुचारू शासन के बारे में स्थिति स्पष्ट की जाए।